अपना तीसरा फंड बंद करने के करीब वेंचर कैपिटल फर्म यूनिकॉर्न इंडिया वेंचर्स अब क्रॉस बॉर्डर वेंचर फर्म बनने की दिशा में काम कर रही है। भले ही कंपनी को इस लक्ष्य को हासिल करने में कुछ वर्षों का समय लग सकता है मगर इसके लिए जमीनी कार्य कंपनी के संस्थापक और मैनेजिंग पार्टनर भास्कर मजूमदार के नेतृत्व में शुरू कर दिया गया है।
क्रॉस बॉर्डर फंड की अपनी अनूठी विशेषताएं होती हैं। वे फंड को दो देशों में मजबूत संबंध बनाने और एक नेटवर्क बनाने की अनुमति देते हैं जो दोनों क्षेत्रों को शामिल करता है। भारत में फिलहाल सिर्फ नेक्सस वेंचर पार्टनर्स एकमात्र उद्यम पूंजी (वीसी) है, जिसके पास ऐसी संरचना है। मजूमदार ने कहा, ‘एक बार जब हम तीसरा फंड बंद कर देंगे तब हम अमेरिका में अपना परिचालन स्थापित करने पर ध्यान देंगे।’
मजूमदार के लिए यह कुछ अलग और बड़ा करने के लिए यूनिकॉर्न इंडिया वेंचर्स को फिर से स्थापित करने का भी मौका है। उन्होंने कहा, ‘मैं वहीं काम जारी रख सकता हूं या फिर खुद को नया रूप दे सकता हूं और कुछ ऐसा देख सकता हूं जो यूआईवी को एक अलग स्तर पर ले जाए।’
फंड में सीमित साझेदारों (एलपी) को आकर्षित करने की क्षमता के अलावा यूआईवी के लिए दूसरा बड़ा कारण अंतरराष्ट्रीय बाजारों और खासकर अमेरिका में अपनी पोर्टफोलियो फर्मों के लिए एक नेटवर्किंग मंच प्रदान करना है।
मजूमदार ने कहा, ‘हम वीसी, टीम आदि के तौर पर एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाना चाहते हैं। मगर सबसे जरूरी है कि इससे हमें साथ में निवेश करने वाले और नई कंपनियों को भी नए परिवेश में लाने की क्षमता मिलेगी। आज, सीरीज बी के बाद कुछ ही लोग हैं जो बड़े पैमाने पर फंडिंग करते हैं। हम पूंजी के एक वैकल्पिक स्रोत बनना चाहते हैं।’