वित्त वर्ष 2024 की पहली छमाही में भारत से दोपहिया वाहनों (Two-wheeler Vehicle) का निर्यात 20% गिरकर 1.69 मिलियन यूनिट हो गया। इसका कारण जियोपॉलिटिकल टेंशन और दक्षिण एशिया जैसे प्रमुख बाजारों में विदेशी मुद्रा संकट है। दूसरी ओर, यात्री वाहन (PV) निर्यात इसी अवधि में 5% बढ़कर 336,754 इकाई हो गया। सियाम के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, यह ज्यादा विविध ग्लोबल डिमांड के कारण हुआ।
यूक्रेन युद्ध का पड़ रहा असर
यूक्रेन में युद्ध विकासशील देशों के लिए ईंधन खरीदना अधिक महंगा बना रहा है, जिससे उनके लिए महामारी से उबरना कठिन हो रहा है।
भारत में यात्री वाहनों (PV) और दोपहिया वाहनों की घरेलू बिक्री वित्त वर्ष 2023 की पहली छमाही में साल-दर-साल क्रमशः 6.9% और 4.1% बढ़ी। यह वृद्धि काफी हद तक PV सेगमेंट में यूटिलिटी वाहनों की हाई डिमांड की वजह से हुई।
भारत से दोपहिया निर्यात में गिरावट कई कारकों के कारण है, जिनमें भू-राजनीतिक और विदेशी मुद्रा मुद्दे शामिल हैं। दो प्रमुख दोपहिया निर्यातकों, बजाज ऑटो और टीवीएस मोटर ने वित्त वर्ष 2024 की पहली छमाही में अपने निर्यात में साल-दर-साल 20% से अधिक की गिरावट देखी है। यह इस तथ्य के कारण है कि अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और दक्षिण एशिया में उनके कई प्रमुख निर्यात बाजार आर्थिक और विदेशी मुद्रा चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
सियाम के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल ने कहा कि रुपये के व्यापार पर काफी काम किया जा रहा है और उन्हें जल्द ही ठोस कार्रवाई की उम्मीद है। उन्होंने यह भी कहा कि शिपमेंट में देरी की समस्याओं को ज्यादातर हल कर लिया गया है।
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यात्री वाहनों पर उतना असर नहीं
जबकि वित्त वर्ष 2024 की पहली छमाही में भारत से दोपहिया निर्यात में गिरावट आई, यात्री वाहन (PV) निर्यात स्थिर रहा या बढ़ा भी। मारुति सुजुकी का PV निर्यात स्थिर रहा, जबकि हुंडई के निर्यात में साल-दर-साल 16.2% की वृद्धि देखी गई। यह संभवतः PV निर्यात के व्यापक बाजार के कारण है, जो दोपहिया निर्यात के सामने आने वाली चुनौतियों के बावजूद मजबूत बना हुआ है।
सियाम के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल ने कहा कि एंट्री लेवल के यात्री वाहनों (PV) और दोपहिया वाहनों की सेल में वित्त वर्ष 24 की पहली छमाही में वृद्धि नहीं देखी गई। इसके पीछे उन्होंने दो कारण बताए, उन्होंने कहा, लोग अधिक महंगी कारें और मोटरसाइकिलें खरीद रहे हैं, और ग्रामीण क्षेत्रों में लोग उतना पैसा नहीं कमा रहे हैं जितना वे पहले कमाते थे। यही कारण है कि एंट्री लेवल वाहनों की बिक्री कम हो गई है।