ट्विटर (Twitter) ने राहुल गांधी, अमिताभ बच्चन और विराट कोहली सहित हजारों हस्तियों, जिनमें उद्योगपति, फिल्मी सितारे और राजनेता शामिल हैं, के ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिया है। सरकार विभागों का भी वेरिफाइड ब्लू टिक हटा दिया गया है। असल में ट्विटर ने इस सुविधा के लिए शुल्क तय किया है और उसका भुगतान नहीं करने वालों के अकाउंट से वेरिफिकेशन वाला ब्लू टिक हटाया जा रहा है।
‘Blue tick’ को रसूख का प्रतीक माना जाता था। इसे किसी ट्विटर हैंडल या खाते की प्रामाणिकता के लिए उपयोग किए जाते थे, लेकिन अब ट्विटर ब्लू प्रीमियम सबस्क्रिप्शन लेने वालों को ही blue tick की सुविधा दी जा रही है।
Twitter Blue premium subscription में अकाउंट होल्डर्स को blue tick वेरिफिकेशन के साथ सीमित विज्ञापन, लंबे वीडियो पोस्ट करने और गुणवत्तापूर्ण कंटेंट के लिए प्राथमिकता रैंकिंग जैसी सुविधा दी जा रही है। अपने नए मालिक ईलॉन मस्क के नेतृत्व में ट्विटर मुनाफा कमाने पर ध्यान दे रहा है और प्रीमियम सेवा सदस्यता के लिए प्रति महीने 900 रुपये या 9,400 रुपये सालाना शुल्क तय किए हैं।
संगठनों के लिए नाम के आगे गोल्ड चेकमार्क के लिए 82,300 रुपये प्रति माह और प्रत्येक संबद्ध सदस्यों के वेरिफिकेशन टैग के लिए हर महीने 4,120 रुपये के शुल्क की पेशकश की गई है।
एचडीएफसी बैंक, मारुति सुजूकी, ऐक्सिस बैंक, टीवीएस, स्विगी और फोनपे सहित शीर्ष भारतीय ब्रांडों के अकाउंट से भी खबर लिखे जाने तक ब्लू टिक हटा दिए गए थे यानी अब ये बिना सत्यापन के साथ उपलब्ध हैं। कई सरकारी विभागों के के ट्विटर हैंडल से भी सत्यापन संकेत यानी ब्लूटिक हटा दिए गए हैं।
सोशल मीडिया अकाउंट के सत्यापन की मनमानी वर्षों से विवाद का विषय रही है। बीते समय में कई उपयोगकर्ताओं ने ट्विटर पर आरोप लगाए हैं कि वेरिफाइड चिह्न प्रदान करते समय ट्विटर पूर्वग्रह और भेदभावपूर्ण नीतियों को अपनाती है।
नए प्रोग्राम को लागू करने के बाद भी सत्यापन प्रक्रिया को लेकर अस्पष्टता बनी हुई है। भुगतान आधारित सत्यापन तभी पूरा हो सकता है जब ट्विटर उसकी पुष्टि करता है कि संबंधित अकाउंट ने पात्रता के मानदंड पूरे किए हैं, यानी अकाउंट पिछले 30 दिन से सक्रिय है, फोन नंबर की पुष्टि की गई है और वे भ्रामक नहीं हैं। इसके साथ ही प्रोफाइल, फोटो, प्रदर्शित किए गए नाम या यूजर के नाम में हाल में कोई बदलाव नहीं होना चाहिए और हेरफेर तथा स्पैमिंग गतिविधियों का कोई संकेत नहीं होना चाहिए।
नई नीति के अनुसार ट्विटर पर दूसरों के समान दिखाई देने वाले अकाउंट का उद्देश्य अगर दूसरों को धोखा देने या हेरफेर करने की नहीं है तो इसे नियम का उल्लंघन नहीं माना जाता है।
कई सेलेब्रिटी, इन्फ्लुएंसरों और पहले से ही वेरिफाइड यूजर्स ने डमी अकाउंट द्वारा उनकी पहचान के दुरुपयोग की आशंका पर चिंता जताई है। बीते समय में भारत में कई मशहूर हस्तियों के आधिकारिक हैंडल का दावा करने वाले नकली खाते बनाने वालों के समन्वित हमले देखे हैं और इस हैंडल का उपयोग या तो गलत सूचना फैलाने या विशिष्ट विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए किया गया है।
नवंबर में नई सेवा शुरू होने के बाद भी इस तरह की घटनाएं देखी गई हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के नाम से ब्लू टिक वाले एक अकाउंट ने आपत्तिजनक संदेश ट्वीट किया था। एक अन्य फर्जी खाते ने ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर का हैंडल होने का दावा किया और लगातार पोस्ट को रीट्वीट किया। बाद में दोनों खाते डिलीट कर दिए गए।
अल्केमिस्ट ब्रांड कंसल्टिंग के संस्थापक और मैनेजिंग पार्टनर समित सिन्हा ने कहा, ‘ब्लू टिक सुविधा का मुद्रीकरण (monetising) करके और किसी को भी बैज का उपयोग करने के लिए सदस्यता शुल्क देने के लिए राजी करने से संकेतक के रूप में ब्लू टिक की निष्पक्षता तथा वास्तविक सेलेब्रिटी और ब्रांड के ट्विटर प्रोफाइल का कुछ हद तक अवमूल्यन किया गया है। ब्लू टिक को हटाने से सेलेब्रिटी के मौजूदा फॉलोअरों पर असर पड़ने की संभावना नहीं है लेकिन नए फॉलोअर बनाने में कठिनाई आ सकती है।’
विज्ञापन फर्म द क्रेऑर्न्स नेटवर्क के मुख्य परिचालन अधिकारी फैजल हक ने कहा कि जब खाते से ब्लू टिक हटा तो शुरुआत में उनके ग्राहक और एजेंसी दोनों में थोड़ी घबराहट देखी गई। लेकिन आधे घंटे में मामले को सुलझा लिया गया क्योंकि उनमें से अधिकांश को संगठन के रूप में अपन प्रामाणिकता बताने के लिए ग्रे टिक दिया गया था लेकिन अब वे गोल्डन टिक के लिए जा रहे हैं क्योंकि यह ब्रांड की प्रामाणिकता बहाल करता है।
हक ने कहा कि ट्विटर कोई भी अकाउंट बना सकता है और संभव है कि एक-आध वर्ण में हेरफेर कर प्रामाणिक ब्रांड जैसा दिखने वाला फर्जी अकाउंट भी बना लिया जाए। उन्होंने कहा कि वेरिफिकेशन का तमगा हटने से कई लोग फर्जी खाते को ब्रांड का असली खाता समझने की गलती कर सकते हैं।
फ्यूचरब्रांड्स इंडिया के प्रबंध निदेशक (MD) और मुख्य कार्याधिकारी (CEO) संतोष देसाई ने कहा कि ब्रांडों के लिए प्रामाणिकता के तमगे के लिए जल्द से जल्द खर्च करना आवश्यक हो जाएगा।