जुबिलैंट फूडवर्क्स डोमिनोज की रीब्रांडिंग कर रही है और अब उसकी नई टैगलाइन है – इट हैपंस ओनली विद पिज्जा’ क्योंकि वह युवाओं को आकर्षित करने पर विचार कर रही है। शार्लीन डिसूजा के साथ बातचीत के दौरान जुबिलैंट फूडवर्क्स के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी समीर खेत्रपाल तथा डोमिनोज इंडिया के अध्यक्ष और मुख्य कारोबार अधिकारी समीर बत्रा ने मांग के दबाव के साथ-साथ मार्जिन के परिदृश्य के बारे में बताया। प्रमुख अंश …
आपने डोमिनोज की रीब्रांडिंग क्यों की है?
खेत्रपाल : यह हमारी ब्रांडिंग रणनीति के क्रम में है, जिसे हमने अपनाया है। इसके पीछे यह विचार है कि 50 अरब डॉलर का त्वरित-सेवा रेस्तरां (क्यूएसआर) है, 50 अरब डॉलर की खाद्य सेवा श्रेणी है और इसमें पिज्जा कारोबार केवल एक अरब डॉलर का है।
इस ब्रांड का काम भारत में सबसे अधिक पसंद किए जाने वाले व्यंजनों जैसे समोसा और इडली सांभर जैसे मौकों की हिस्सेदारी हासिल करना है। हम हिस्सेदारी के इस खेल में जीतना चाहते हैं। अभी साल में 1,000 बार के भोजन में से सिर्फ तीन बार पिज्जा खाया जाता है। इसलिए हमारा मानना है कि यह प्लेटफॉर्म और अभियान युवा पीढ़ी के करीब पहुंचेगा।
क्या प्रतिस्पर्धा की वजह से आपको रीब्रांडिंग करनी पड़ी है?
मौकों की हिस्सेदारी हासिल करने के लिए यह हुआ है। एक साल में तीन बार का भोजन पिज्जा रहता है और बाकी 997 बार का भोजन पिज्जा से अलग होता है। हम पांच बदलाव कर रहे हैं – एक है व्यापक संचार, दूसरा है नए स्टोर खोलना, तीसरा है नए बॉक्स, चौथा है हमारे डिलिवरी राइडर्स का पहनावा और पांचवां है बाइक।
जब रीब्रांडिंग की बात आती है, तो क्या यह देश में डोमिनोज का सबसे ज्यादा व्यय है?
उम्मीद है हम हर साल नई ऊंचाई पर पहुंचेंगे। तो, यह एकबारगी उफान नहीं है। हम यहां दीर्घावधि के लिए श्रेणी बनाने के लिए हैं। पिछले कई साल के दौरान हमने अनुभव किया कि उपभोक्ता ब्रांड के साथ अधिक जुड़ाव, अधिक गुणवत्ता वाले खाद्य पोषण तथा बहुत सुरक्षित पैकेजिंग तलाश रहे हैं।
क्या आपकी मूल्य निर्धारण रणनीति में कोई बदलाव होगा और आप यहां से अपनी बाजार हिस्सेदारी में क्या बदलाव देख रहे हैं?
बत्रा : हम मूल्य निर्धारण में किसी बदलाव पर विचार नहीं कर रहे हैं। दरअसल हमारे मामले में रणनीतिक स्तंभों में से एक यह है कि हम अपने ग्राहकों को अधिकतम मूल्य और व्यावहारिक क्षमता प्रदान करना चाहते हैं।
मूल्य में कई चीजों का संयोजन शामिल है – जैसे मूल्य निर्धारण, स्थिरता, अनुभव और कोई डिलिवरी शुल्क नहीं लेना। और हम मूल्य पर ध्यान केंद्रित करते रहेंगे। मुझे लगता है देश में अग्रणी क्यूएसआर के रूप में हमारा काम ग्राहकों को साल में तीन बार पिज्जा खिलाने की संख्या को और बढ़ाना है।
आप डोमिनोज इंडिया के लिए कितने स्टोर खोलने की योजना बना रहे हैं?
हमारा मानना है कि हर साल 200 नए रेस्तरां तक पहुंचना हमारे लिए अच्छी औसत दर है। और हम उस अनुमान पर कायम हैं। इसलिए यह मान लेना उचित है कि आप हमारी ओर से 200 नए रेस्तरां देखेंगे। हम 400 शहरों में मौजूद हैं। हम इस वर्ष मौजूदा स्थानों पर लगभग 100 नए डोमिनोज रेस्तरां का नवीनीकरण भी कर रहे हैं।
आप मांग में कब सुधार आने की उम्मीद कर रहे हैं और मांग में दोबारा तेजी आने के क्या कारण रहेंगे?
निकट भविष्य से लेकर मध्य अवधि तक हमारा मानना है कि महंगाई का कुछ दबाव जारी रहेगा लेकिन हम घर से बाहर खाने के अनुभवों के दीर्घकालिक अवसर के संबंध में बहुत आशावादी हैं। दीर्घकालिक परिदृश्य के लिहाज से हम अपने पोर्टफोलियो ब्रांडों में भी अग्रणी क्यूएसआर के रूप में अवसर के संबंध में आशावादी बने हुए हैं।
खेत्रपाल : हमें इस बात की संभावना लगती है कि कि अगली या दो तिमाही में नरमी जारी रहेगी।
पोपीज के लिए आपकी स्टोर विस्तार योजना क्या है?
यह 1,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने वाला भारत का सबसे तेज क्यूएसआर होगा। हम 200 से 250 तक स्टोरों के अपने अनुमान पर कायम हैं।