बीएस बातचीत
कोटक महिंद्रा ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) के अध्यक्ष व मुख्य निवेश अधिकारी (इक्विटी) हर्ष उपाध्याय ने चिराग मडिया को दिए साक्षात्कार में कहा कि बाजार की हालिया नरमी को शायद ही गिरावट कहा जा सकता है और मूल्यांकन अभी भी उच्चस्तर पर हैं। उन्होंने कहा कि निवेशकों को उतारचढ़ाव का इस्तेमाल लंबी अवधि का पोर्टफोलियो बनाने में करना चाहिए। मुख्य अंश…
हालिया नरमी के बाद क्या मूल्यांकन आकर्षक हो गए हैं?
पिछले कुछ हफ्तों में देसी इक्विटी ने मूल्यों में गिरावट से ज्यादा समय-समय पर गिरावट का सामना किया है। वित्त वर्ष 21-22 और वित्त वर्ष 23 के लिए आय के अनुमान मोटे तौर पर अपरिवर्तित बने हुए हैं, वहीं बाजार अपने सर्वोच्च स्तर से सिर्फ पांच फीसदी नीचे आया है। अभी निफ्टी अपनी वित्त वर्ष 23 की आय के करीब 20 गुने पर कारोबार कर रहा है, जो लंबी अवधि के औसत से ज्यादा है।
क्या आपको लगता है कि और गिरावट आ सकती है?
हालिया नरमी को शायद ही गिरावट कहा जा सकता है। भारतीय इक्विटी में इतिहास की मजबूत तेजी में से एक देखने को मिली है और लार्ज, मिड व स्मॉलकैप सूचकाकों ने क्रमश: 64 फीसदी, 94 फीसदी और 104 फीसदी रिटर्न सृजित किया है और वह भी सर्वोच्च स्तर से 10 फीसदी की गिरावट के बिना। अगर बढ़ती वैश्विक चिंता के साथ मुनाफावसूली जारी रहती है तो भारतीय इक्विटी में और गिरावट की गुंजाइश है।
क्या विदेशी निवेशकों की तरफ से बिकवाली जारी रहेगी?
मौजूदा तिमाही में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की तरफ से शुद्ध बिकवाली करीब 4.5 अरब डॉलर की रही है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से बॉन्ड खरीद कार्यक्रम में संभावित बदलाव शायद इसकी एक वजह है, साथ ही महंगे मूल्यांकन व अन्य उभरते बाजारों के सापेक्ष उम्दा प्रदर्शन भी इसके लिए जिम्मेदार है। यह कुछ समय तक जारी रह सकता है।
अभी इक्विटी बाजारों के लिए सबसे बड़ा जोखिम क्या है?
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से बॉन्ड खरीद कार्यक्रम में संभावित बदलाव और डॉलर की मजबूती से उभरते बाजारों से नकदी संभावित तौर पर नकदी निकलेगी। जिंसों की लागत का दबाव ऐसे समय में कंपनियों की आय पर असर डाल रहा है जब मांग में स्थिरता शुरू हुई है। कोविड के अगली लहर से आर्थिक गतिविधियों में अवरोध की संभावना है। इसके अलावा निश्चित तौर पर उच्च मूल्यांकन जोखिम खड़ी कर रहा है।
बॉन्ड प्रतिफल और बाजार की रफ्तार के बीच आप कैसा संबंध देख रहे हैं?
फेडरल रिजर्व की तरफ से बॉन्ड खरीद कार्यक्रम में नरमी के अनुमान और ब्याज दर के चक्र में संभावित पलटाव से 10 वर्षीय अमेरिकी ट्रेजरी प्रतिफल मजबूत होकर 1.5 फीसदी पर पहुंच गया है। उच्च ब्याज दर कंपनियों के लाभ पर प्रतिकूल असर डालेगा और इक्विटी के मूल्यांकन को दबाएगा।
क्या आपको लार्ज कैप में ज्यादा सहजता दिख रही है या फिर व्यापक बाजारों में?
हां, पिछले 18 महीनों में हमने मिड, स्मॉलकैप शेयरों का बेहतर प्रदर्शन लार्जकैप के मुकाबले बड़े अंतर (1.5 से 2 गुना) से देखा है। मौजूदा मूल्यांकन पर हमारा मानना है कि लार्जकैप में गिरावट के दौरान बेहतर समर्थन मिलेगा।