मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) के मामले में सितंबर 2024 में समाप्त हुई तिमाही (वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही) एक और कमजोर तिमाही साबित हो सकती है, क्योंकि रिफाइनिंग मार्जिन में गिरावट आई है। विश्लेषकों ने यह अनुमान जताया है।
ब्रोकरेज कंपनियों – आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, कोटक सिक्योरिटीज और नुवामा को इस बात की आशंका है कि वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में दर्ज किए गए लाभ में एक साल पहले के मुकाबले एक प्रतिशत से लेकर 13 प्रतिशत की गिरावट आएगी। विश्लेषकों के उपलब्ध अनुमानों के आधार पर इसी अवधि के दौरान राजस्व में अधिकतम 10 प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है।
चार ब्रोकरेज फर्म – आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, कोटक सिक्योरिटीज और नुवामा को लगता है कि वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में रिपोर्ट किए गए लाभ में एक साल पहले की तुलना में एक प्रतिशत से 13 प्रतिशत की गिरावट आएगी। उपलब्ध विश्लेषक अनुमानों के आधार पर, इसी अवधि के लिए राजस्व में अधिकतम 10 प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है।
नुवामा के विश्लेषकों ने कहा कि उन्हें ओ2सी (तेल से लेकर रसायन) श्रेणी में नरमी के कारण कंपनी के समेकित एबिटा में छह प्रतिशत की गिरावट के आसार नजर आ रहे हैं। आंशिक रूप से इसकी भरपाई उपभोक्ता कारोबारों तथा तेल और गैस श्रेणी में मजबूत प्रदर्शन से की जा रही है।
ब्रोकरेज कंपनी को उम्मीद है कि ओ2सी कारोबार के मामले में एबिटा एक साल पहले की तुलना में 27 प्रतिशत कम होगा। ओ2सी आरआईएल की तेल से लेकर रसायन वाली श्रेणी है। तेल से लेकर दूरसंचार तक में कारोबार करने वाला यह समूह 14 अक्टूबर को वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही के अपने वित्तीय परिणामों की घोषणा करने वाला है।
अगर विश्लेषकों के अनुमान सही साबित होते हैं, तो आरआईएल के समेकित शुद्ध लाभ में गिरावट वाली यह लगातार तीसरी तिमाही होगी। जून 2024 में समाप्त तिमाही में आरआईएल के समेकित लाभ में एक साल पहले की तुलना में 5.5 प्रतिशत की गिरावट आई थी। ब्लूमबर्ग की रायशुमारी में छह विश्लेषकों ने 2.39 लाख करोड़ रुपये के राजस्व का अनुमान लगाया और तीन विश्लेषकों ने 20,045 करोड़ रुपये की समायोजित शुद्ध आय का अनुमान लगाया है।
पीएल कैपिटल के विश्लेषकों ने आरआईएल की एकल आधार वाली श्रेणी के बारे में बताया, जिसमें मुख्य रूप से ओ2सी कारोबार शामिल है। उनके अनुसार इसके रिफाइनिंग मार्जिन में गिरावट के आसार हैं और पेटकेम दबाव में रहेगा।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने आरआईएल के सकल रिफाइनिंग मार्जिन में तिमाही आधार पर 0.8 डॉलर प्रति बैरल की गिरावट का अनुमान लगाया है। हालांकि उम्मीद है कि उपभोक्ता कारोबार से ओ2सी के नुकसान की कुछ हद तक भरपाई हो जाएगी, लेकिन दो उपभोक्ता कारोबारों – खुदरा और दूरसंचार के परिणामों के संबंध में विश्लेषकों की अलग-अलग राय दिखाई दे रही है।