भारतीय एडटेक स्टार्टअप कंपनी बैजूस (Byju’s) की हालिया परेशानियों ने अब कर्मचारियों की चिंता भी बढ़ा दी है। कंपनी के कुछ वर्तमान और पूर्व कर्मचारियों ने बताया कि लगातार हो रही है छंटनी से वे अपने भविष्य को लेकर परेशान हैं।
ऑडिटर डेलॉयट और तीन बड़े बोर्ड सदस्यों ने गुरुवार को बेंगलूरु की कंपनी से नाता तोड़ लिया। उसके बाद किसी समय ऊंची उड़ान भरने वाली कंपनी के वित्तीय स्थिति पर सवाल खड़े हो गए हैं।
कमजोर मांग के कारण इस साल बैजूस ने हजारों लोगों की छंटनी की है और लेनदारों के साथ भी कंपनी कानूनी पचड़े में फंस गई है। यहां तक की एक प्रमुख निवेशक ने कंपनी का मूल्यांकन भी कम कर दिया है।
नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर बैजूस के वरिष्ठ प्रबंधक ने कहा, ‘हमारा मनोबल काफी गिर गया है। सभी कर्मचारियों के लैपटॉप पर जॉब पोर्टल खुल रहा है। कंपनी द्वारा रातोंरात हटाने से पहले हर कोई नई नौकरी तलाश रहा है।’
अभी स्थिति इतनी खराब हो गई है अधीनस्थ कर्मचारी भी अपने प्रबंधकों के साथ बैठकर नई नौकरी की तलाश कर रहे हैं। नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कई कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें ऑडिटर डेलॉयट और बोर्ड के सदस्यों के बाहर निकलने के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।
बैजूस के प्रवक्ता ने कर्मचारियों के मनोबल, प्रबंधन से बातचीत की कमी या कर्मचारियों द्वारा उठाए गए अन्य मुद्दों पर रॉयटर्स के पूछे गए सवालों का कोई जवाब नहीं दिया।
शुरू में बोर्ड से बाहर निकलने की खबर से इनकार करने के बाद बैजूस ने शुक्रवार की देर रात एक बयान जारी कर इसकी पुष्टि की थी और कहा था कि कुछ निवेशक बोर्ड से बाहर हो गए हैं।
पिछले साल की शुरुआत में करीब 22 अरब डॉलर के मूल्याकंन वाली एडटेक फर्म ने अक्टूबर से हजारों कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। कंपनी का कहना था कि वैश्विक महामारी कोविड-19 खत्म होने के बाद ऑनलाइन ट्यूशन की मांग में गिरावट होने के बाद लागत में कटौती करने के लिए कदम उठाया गया है।