मर्सिडीज बेंज इंडिया ने कैलेंडर वर्ष 2023 के पहले तीन महीनों में मजबूत बिक्री दर्ज की। उसने दो बार कीमतें बढ़ाईं, और SL 55 AMG समेत कई नए वाहन पेश किए। सोहिनी दास के साथ बातचीत में मर्सिडीज-बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक (MD) एवं मुख्य कार्याधिकारी (CEO) संतोष अय्यर ने यह बताया कि किस तरह से बढ़ती मांग ने जर्मनी से ज्यादा CBUआवंटन के लिए बाध्य किया। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश:
पहली तिमाही की मजबूत बिक्री के बाद आपको छमाही आंकड़ों से क्या उम्मीद है?
जनवरी-मार्च तिमाही में, हमने 4,697 वाहनों की बिक्री दर्ज की, जो 17 प्रतिशत की वृद्धि है और हम जुलाई में छमाही आंकड़े जारी करेंगे। हमें भरोसा है कि अप्रैल-जून की तिमाही में हम दो अंक की वृद्धि दर्ज करेंगे। हमें उम्मीद है कि हम पूरे वर्ष के लिए दो अंक की वृद्धि दर बरकरार रखेंगे। यह हमारे लिए एक अन्य रिकॉर्ड वर्ष साबित हो सकता है। पिछला वर्ष हमारे इतिहास में पहले ही सबसे अच्छा वर्ष साबित हो चुका है।
आपने टॉप-ऐंड-व्हीकल्स पर ध्यान केंद्रित किया है। भविष्य में कैसी रणनीति रहेगी?
बिक्री बेहद उत्साहजनक है। हमारी करीब 25 प्रतिशत बिक्री टॉप-ऐंड-व्हीकल्स (TEV) से आती है, जिनमें सुपर-लक्जरी कारें शामिल हैं। हम वर्ष में 10 नई पेशकशें करेंगे और इनमें से ज्यादातर TEV रेंज में होंगी। हमने वर्ष की शुरुआत ई केब्रियोलेट के साथ की है और GT 63 AMG को पेश किया, जिसके बाद A 45 और G-Wagon को उतारा, और आज SL 55 AMG को पेश किया है। हम टीईवी सेगमेंट को मजबूती प्रदान करने में सक्षम हैं।
क्या एंट्री लेवल कार बिक्री में कमजोरी आई है?
एंट्री लेवल लक्जरी कार सेगमेंट के लिए्र हम अपनी उत्पाद उपलब्धता पर निर्भर हैं। हमारे पोर्टफोलियो में सर्वाधिक बिक्री वाली GLC कार जनवरी से अब तक उपलब्ध नहीं है। वर्ष की तीसरी तिमाही में हम नई GLC पेश करेंगे। ए क्लास वर्ष में दो महीने तक उपलब्ध नहीं थी, क्योंकि हमने इसे हटा दिया और अब नए संस्करण की तैयारी में हैं। वर्ष के शुरू में कुछ समस्याएं पैदा हुई थीं, लेकिन मेरा मानना है कि दूसरी छमाही में हम इन दो वाहनों के संदर्भ में कुछ सुधार देखेंगे। लेकिन, हमारा ध्यान मुख्य रूप से टीईवी पर रहेगा।
आपने उत्पादन में तेजी लानी शुरू की है। इससे पिछले बकाया ऑर्डरों को पूरा करने में कितनी मदद मिल रही है?
हमने अपने प्लांट में दूसरी पारी में उत्पादन शुरू किया है, और दूसरी तिमाही के आंकड़ों पर इसका असर दिखना चाहिए। ऑर्डर बुक वर्ष के शुरू के 5000 से घटकर अब 3500 पर रह गई है। दूसरी पारी में कामकाज से हमारी क्षमता दोगुनी नहीं हुई है, लेकिन इसमें कुछ सुधार आया है। एक मुख्य समस्या कलपुर्जों की उपलब्धता से जुड़ी हुई है। यदि हमारे पास पर्याप्त आपूर्ति व्यवस्था हो तो हम तीसरी पारी में भी परिचालन शुरू कर सकते हैं।
Also read: HDFC मर्जर से लार्ज-कैप फंडों पर बढ़ेगा दबाव, फंड मैनेजरों लिए बढ़ सकती है चुनौती
क्या आपूर्ति श्रृंखला से जुड़ी समस्या से लागत बढ़ रही है?
इस साल हमने दो बार कीमतें बढ़ाईं। जनवरी में कीमतों में 2-4 प्रतिशत और अप्रैल में 5 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई। ऐसा मुख्य तौर पर यूरो के मुकाबले रुपये में गिरावट और उत्पादन लागत वृद्धि की वजह से किया गया।
Also read: Go First को 12.2 करोड़ डॉलर अतिरिक्त फंड की जरूरत, जुलाई में 78 उड़ानें भरने की कंपनी बना रही योजना
वर्ष 2027 तक EV से 25 प्रतिशत बिक्री के लक्ष्य के बारे में आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
हमने अपने EV के लिए टॉप-ऐंड कारों से शुरुआत की है। हमारे पास EQS और EQB हैं। हम अपने EV सेगमेंट को 40-50 लाख रुपये दायरे से नीचे लाने की जल्दबाजी में नहीं हैं।