साइबर धोखाधड़ी और आपराधिक गतिविधियों में सिम कार्ड के दुरुपयोग को रोकने के लिए सरकार जल्द ही सिम कार्ड डीलरों का बायोमेट्रिक व पुलिस सत्यापन अनिवार्य करेगी। संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को यह जानकारी दी। दूरसंचार विभाग (डीओटी) व्यापारिक संस्थानों द्वारा थोक में सिम की खरीद के मौजूदा प्रावधान भी खत्म करेगी।
उन्होंने कहा कि इसकी जगह बिजनेस सिम कनेक्शन की नई व्यवस्था पेश की जाएगी।संवाददाताओं को नए नियमों की जानकारी देते हुए वैष्णव ने कहा कि सरकार सिम कार्ड डीलरों की ज्यादा जवाबदेही बनाने की जरूरत महसूस कर रही है। व्यापक रूप से जमीनी परीक्षण, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं और पुलिस एजेंसियों के साथ चर्चा में यह सामने आया है कि सिम गतिविधियों में धोखाधड़ी ज्यादातर इसी स्तर पर होती है। देश में करीब 10 लाख सिम डीलर हैं।
मंत्री ने कहा, ‘यह सुधार ग्राहकों को सुरक्षित बनाने की कवायद का हिस्सा है। डीलरों के स्तर पर बड़ी गड़बड़ी होती है क्योंकि इनमें से तमाम कानूनी रूप से अनिवार्य सत्यापन प्रक्रिया नहीं अपनाते हैं। अब सभी प्वाइंट आफ सेल डीलरों का पंजीकरण भी अनिवार्य किया जाएगा।’ नियमों का उल्लंघन करने वालों पर 10 लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जाएगा। इस मसले पर संपर्क करने पर टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं भारती एयरटेल और रिलायंस जियो ने कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार किया। नए नियम अगले महीने अधिसूचित होंगे।
अधिकारियों ने कहा कि मोबाइल फोन से जुड़ी धोखाधड़ी की संख्या तेजी से बढ़ने के कारण नए नियम जरूरी हो गए थे। सरकार ने मई में संचार साथी पोर्टल शुरू किया था, जिसका मकसद मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं को विभिन्न तरह की धोखाधड़ी जैसे पहचान की चोरी, जाली केवाईसी, मोबाइल उपकरण की चोरी व बैंकिंग धोखाधड़ी से बचाना है। यह धोखाधड़ी रोकने के लिए प्राथमिक सरकारी मंच है।
थोक खरीद पर प्रतिबंध
सरकार नए बिजनेस सिम कनेक्शन के नियम भी लाएगी। इसमें कंपनियों को थोक खरीद की अनुमति होगी, लेकिन उनके जीएसटी, पैन और आयकर सूचना के खुलासे के बाद ही यह सुविधा मिल सकेगी। जिन लोगों को व्यक्तिगत रूप से कनेक्शन मिलेगा, उनके लिए भी अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) मानकों को पूरा करना होगा। मानकों को पूरा न करने की स्थिति पर सेवा रोक दी जाएगी।
वैष्णव ने कहा, ‘तमाम कंपनियां और संगठन थोक में सिम कार्ड खरीदते हैं। इनमें से 80 प्रतिशत खरीद सही होती है। लेकिन शेष का दुरुपयोग होता है, और सिमबॉक्स डिवाइस में कई सिमकार्ड लगे होते हैं, जिनसे ऑटोमेटेड कॉल होती हैं।’ सरकार को यह भी जानकारी मिली है कि थोक में खरीदे गए सिम कई चरणों में सक्रिय किए गए और उनसे धोखाधड़ी की गई और फिर उन्हें बंद कर दिया गया।
बहरहाल मंत्री ने साफ किया कि बिजनेस कनेक्शन की कोई संख्या तय नहीं की जाएगी और मौजूदा सुविधा बरकरार रहेगी। हालांकि व्यक्तिगत ग्राहक अधिकतम 9 कनेक्शन बनाए रख सकेंगे। वैष्णव ने कहा कि सरकार आधार कार्ड पर छपे क्यूआर कोड को स्कैन करने व डिजिटल सत्यापन की अनुमति देने के लिए मानक लाएगी। इससे कागजी सत्यापन की खामियां दूर हो सकेंगी। सरकार डिजिटल केवाईसी भी अनिवार्य करेगी।