दूरसंचार विभाग की ओर से जारी एक नई अधिसूचना ने मोबाइल फोन विनिर्माताओं की चिंता बढ़ा दी है। विभाग ने 17 सितंबर को जारी अधिसूचना में देश में बिकने वाले सभी फीचर मोबाइल फोन में आपातकालीन संदेशों के लिए हिंदी, अंग्रेजी के साथ-साथ चार अन्य भाषाओं में ‘ऑटो रीड आउट’ (स्वतः पढ़ने की) सुविधा अनिवार्य करने के लिए कहा है।
काउंटर पॉइंट रिसर्च के मुताबिक, भारत में करीब 23 करोड़ फीचर फोन ग्राहक हैं, जिनमें से ज्यादातर 2जी सेवाओं पर आधारित हैं। कैलेंडर वर्ष 2023 में 6 करोड़ फीचर फोन बेचे गए थे और इस साल इसकी बिक्री संख्या घटकर 5.5 करोड़ रहने की संभावना है। लावा, आईटेल और नोकिया जैसी कंपनियों के फीचर फोन की सर्वाधिक बिक्री होती है।
मोबाइल फोन विनिर्माताओं के शीर्ष निकाय आईसीईए के अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल अधिकतर फीचर फोन में ऐसी जानकारियों को रखने के लिए पर्याप्त क्षमता (मेमरी) नहीं है जिनमें टेक्स्ट को ऑडियो में तब्दील करना और उसे विभिन्न भाषाओं में बदलना शामिल हो। ये सुविधा मौजूदा फीचर फोन में नहीं दी जा सकती है।
हालांकि सभी स्मार्टफोन और रिलायंस जियो जैसे 4जी फीचर फोन विनिर्माताओं के लिए ऐसी कोई समस्या नहीं है। उनके फोन में पर्याप्त मेमरी रहती है। मगर नए फीचर फोन हैंडसेटों में यह सुविधा देने से निश्चित तौर पर उनकी लागत बढ़ेगी, जिससे कीमतों में वृद्धि होगी। साथ ही इनके उत्पादन में भी थोड़ा वक्त लगेगा क्योंकि इनका डिजाइन फिर से तैयार करना पड़ेगा।
आईसीईए इस मसले को दूरसंचार विभाग के सामने रख सकता है। आईसीईए का कहना है कि इस कदम से छोटे भारतीय ब्रांड कमजोर हो सकते हैं, जिनकी फीचर फोन बाजार में बड़ी हिस्सेदारी है।
विश्लेषकों का कहना है कि इससे 2जी ग्राहकों के लिए रिलायंस जियो जैसे किफायती 4जी फीचर फोन को अपनाने की प्रक्रिया तेज हो सकती है। भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी (आपदा के बारे में जानकारी देने के लिए सेल प्रसारण सेवा) अधिनियम में एक संशोधन के जरिये कहा गया है कि ऐसे संदेश सभी भारतीय भाषाओं में प्राप्त होने चाहिए। भारत में किसी फीचर अथवा स्मार्टफोन की बिक्री नहीं हो पाएगी जिसमें ऐसा सपोर्ट नहीं होगा।
इसके अलावा, इसमें अलर्ट साउंड, वाइब्रेशन और लाइट को अनिवार्य तौर पर मानक परिस्थितियों में 30 सेकंड तक बरकरार रखना होगा और जब फोन सेट स्वतः संदेश पढ़ेंगे तो उस दौरान 15 सेकंड तक रखना होगा। इसी तरह भारत में वैसे किसी स्मार्टफोन अथवा फीचर फोन की बिक्री नहीं होगी, जिसमें भारतीय लहजे में हिंदी और अंग्रेजी भाषा में संदेशों के ऑटो रीड आउट की सुविधा नहीं होगी।
अधिसूचना में यह भी स्पष्ट किया गया है कि सभी विनिर्माताओं, कंपनियों, सॉफ्टवेयर डेवलपर अथवा विनिर्माण, आयात कारोबार में शामिल अथवा स्मार्टफोन या फीचर फोन के लिए ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर तैयार करने वाली कोई भी कंपनी जो इसे भारत में बेचना चाहती है उसे हिंदी और अंग्रेजी के अलावा चार अन्य भारतीय भाषाओं में ऑटो रीड सुविधा देनी पड़ेगी।