टाटा कंसल्टैंसी सर्विसेज (टीसीएस) एपिक सिस्टम्स से जुड़े कारोबारी गोपनीयता चुराने के एक मामले के लिए एहतियाती प्रावधान करेगी। सॉफ्टवेयर बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी इस मामले के लिए एहतियातन 1,218 करोड़ रुपये अगल रखेगी। कंपनी 7 अक्टूबर को अपना वित्तीय परिणाम जारी करते हुए इस रकम को अपने बहीखाते पर असाधारण श्रेणी में रखेगी। इससे कंपनी को एपिक सिस्टम्स मामले में किसी भी तरह के कानूनी दावे से निपटने में मदद मिलेगी।
अगस्त में अमेरिका की एक अदालत ने यह माना था कि टीसीएस के खिलाफ 28 करोड़ डॉलर का दंडात्मक नुकसान काफी अधिक था। इसलिए अदालत ने हर्जाने की रकम को घटाकर आधा यानी 14 करोड़ डॉलर कर दिया था। स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी के अनुसार, ‘टीसीएस को कानूनी तौर पर सलाह दी गई है कि उसके पक्ष में सही और दमदार दलीलें हैं। अदालत का फैसला और हर्जाने की रकम में की गई कमी को सुनवाई के दौरान तथ्यों पर आधारित नहीं था।’
सितंबर 2020 में टीसीएस ने एक याचिका दायर कर क्षतिपूर्ति और हर्जाने दोनों मुद्दों पर नए सिरे से सुनवाई करने की मांग की थी। एपिक ने भी एक याचिका दायर कर अपील न्यायालय के निर्णय पर फिर से सुनवाई करने की मांग की है जिसके तहत क्षतिपूर्ति के मुकाबले हर्जाने की रकम अधिक दिए जाने को अवैध करार दिया गया है। टीसीएस ने कहा, ‘कानूनी दावे के लिए एहतियातन बहीखाते में प्रावधान किया जा रहा है।’
यह मामला अमेरिकी अदालत के उस आदेश से संबंधित है जिसके तहत 2016 में विस्कॉन्सिन की स्वास्थ्य सेवा सॉफ्टवेयर कंपनी ने टाटा समूह की दो कंपनियों- टीसीएस और टाटा अमेरिका इंटरनैशनल कॉरपोरेशन के खिलाफ मामला दायर कर कारोबारी गोपनीता को चुराने के आरोप में 94 करोड़ डॉलर का हर्जाना मांगा था।