देश की सबसे बड़ी सूचना-प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (टीसीएस) ने इस वर्ष नए लोगों (फ्रेशर) की भर्ती के लिए ‘प्राइम’ नाम से एक नया कैडर शुरू किया है। कंपनी शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई पूरी करने जा रहे छात्रों में अधिक प्रतिभावान लोगों को आकर्षित करने के लिए इस ‘प्राइम’ कैटेगरी (श्रेणी) शुरू की है। इस कैटेगरी के अंतर्गत नौकरी पाने वाले इंजीनियरों का सालाना पैकेज 9 लाख से 11 लाख रुपये तक होगा।
टीसीएस के वैश्विक प्रमुख गिरीश नंदीमठ ने इन नई कैटेगरी के बारे में कहा, ‘प्राइम की मदद से कंपनी अधिक प्रतिभावान लोगों को अपने साथ जोड़ना चाहती है। इस पहल का मकसद है कि ऐसे छात्र कंपनी के साथ ही रहें न कि दूसरी कंपनियां उन्हें नौकरी की पेशकश कर दें। इंजीनियरिंग कॉलेजों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि जिन लोगों को प्राइम कैटगरी के अंतर्गत नौकरी की पेशकश की गई है वे दूसरी कंपनियों की पेशकश से दूर रहें।’
नंदीमठ ने यह भी कहा कि अधिकांश इंजीनियरिंग कॉलेजों में पहले से ही ‘ड्रीम’ कैटेगरी के तहत नौकरियों की पेशकश की जा रही है।
आईटी क्षेत्र में तेजी से बदलती तकनीक के कराण हो रहे बदलाव से अधिक प्रतिभावान छात्रों की भर्ती सुनिश्चित करना जरूरी हो गया है। नंदीमठ ने कहा कि टीसीएस को ऐसे होनहार कर्मचारियों की जरूरत है जिनमें प्रोग्रामिंग और कोडिंग की क्षमता कूट-कूट कर भरी हो। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों में नई तकनीक सीखने की भी पूरी ललक होनी चाहिए।
यह पहली बार नहीं हुआ है कि टीसीएस ने फ्रेशर की भर्ती करने के लिए कैडर बनाया है। वर्ष 2019-20 में कंपनी ने सबसे पहले दो श्रेणियां ‘निंजा’ और ‘डिजिटल’ बनाई थी। इन श्रेणियों में जिन छात्रों को नौकरियों की पेशकश की गई उन्हें क्रमशः सालाना 3.6 लाख रुपये और 7 लाख रुपये वेतन-भत्ते की पेशकश की गई।
नंदीमठ ने कहा, ‘पहले हमने यह सोच लिया कि हम किस तरह इंजीनियरिंग कॉलेजों से छात्रों की भर्ती करें। हमारा लक्ष्य श्रेष्ठ प्रतिभाओं को अपने साथ जोड़ना था। हालांकि, यह बात भी तय थी कि उसी कैंपस में ऐेसे छात्र भी होंगे जिनमें बेहतरीन क्षमता मौजूद होगी।’
पिछले कई वर्षों के दौरान टीसीएस ने 9 लाख रुपये सालाना वेतन पर काफी कम लोगों की भर्तियां की हैं। इतने सालाना वेतन को कई कॉलेज परिसरों में ‘प्राइम’ कहा जाता है।
टीसीएस में उपाध्यक्ष एवं चीफ लर्निंग ऑफिसर (वैश्विक प्रमुख), टैलेंट डेवलपमेंट, जनार्दन संतनाम ने कहा कि 9-11 लाख रुपये श्रेणी में कंपनी लगातार भर्तियां कर रही हैं मगर इनकी संख्या कम रही है। उन्होंने कहा कि ये भर्तियां मुख्य रूप से कंपनी की शोध एवं नवाचार इकाई के लिए हो रही थीं। संतनाम ने कहा, ‘मगर ऐसा पहली बार हुआ है कि हमने इस श्रेणी का विस्तार कर इसे प्राइम नाम दिया है और इसमें कई शीर्ष स्तर के संस्थानों को शामिल किया है।’