टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने कहा है कि उसने अभी यह फैसला नहीं लिया है कि अपने कर्मचारियों के वेतन में कब से बढ़ोतरी करेगी क्योंकि पहली तिमाही में आर्थिक अनिश्चितताएं गहरा गई हैं, जिससे सौदा पूरा करने में अक्सर देर हो रही है और राजस्व में गिरावट आई है। राजस्व के लिहाज से देश की सबसे बड़ी आईटी फर्म टीसीएस वेतन बढ़ोतरी का समय और कितनी वेतन बढ़ोतरी होगी, इस बारे में जानकारी तब देगी जब स्थिति में सुधार होगा।
कंपनी के कार्यकारी उपाध्यक्ष और मानव संसाधन प्रमुख मिलिंद लक्कड़ ने गुरुवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, वेतन बढ़ोतरी पर हमने अभी कोई फैसला नहीं लिया है। जब हम फैसला ले लेंगे तब इसकी जानकारी दी जाएगी। टीसीएस में मानव संसाधन प्रमुख के तौर पर लक्कड़ की यह आखिरी तिमाही होगी। टीसीएस द्वारा अपने कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि करने में असमर्थता (जो उद्योग में दुर्लभ है) उन चुनौतियों को रेखांकित करती है, जिनका सामना कंपनियां भू-राजनीतिक संघर्षों, आपूर्ति श्रृंखला की समस्याओं और चल रहे व्यापार सौदों के कारण कर रही हैं और इन पर निवेशक कड़ी नजर रख रहे हैं।
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अप्रैल में अमेरिका और अन्य देशों के बीच टैरिफ युद्ध के कारण व्यापक आर्थिक अनिश्चितता पैदा हुई, जिससे कंपनी ने वेतन बढ़ोतरी रोक दी थी। टीसीएस को उम्मीद है कि जब और देश अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते करना शुरू करेंगे तो आर्थिक माहौल में और स्पष्टता आएगी।
सुस्त बाजार ने पिछले साल भर्ती किए गए 42,000 नए इंजीनियरिंग स्नातकों को तुरंत नौकरी पर रखने की कंपनी की क्षमता को भी कमज़ोर कर दिया है। हालांकि कुछ लोगों को नौकरी मिल भी गई, लेकिन पहली तिमाही के अंत में कठिन कारोबारी हालात ने इसमें बाधा डाली है।
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लक्कड़ ने कहा, हम सभी ऑफर का सम्मान करेंगे और यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। कितने लोग कब आएंगे, यह कारोबारी हालात पर निर्भर करेगा। पिछले वित्त वर्ष में कर्मचारियों की संख्या में गिरावट कम रही थी, जो पहली तिमाही में बढ़कर 13.8 प्रतिशत हो गई, और कंपनी ने कहा कि वह कर्मचारियों की भागीदारी बढ़ाकर इसे फिर से कम करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। एक साल पहले यह दर 12.1 प्रतिशत थी। नौकरी छोड़ने की दर पिछले वित्त वर्ष में कम थी, जो पहली तिमाही में बढ़कर 13.8 फीसदी हो गई।