देश की सबसे बड़ी आईटी सेवा प्रदाता कंपनी टाटा कसंल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने बाजार के अनुमान को धता बताते हुए चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में 10,431 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाया। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में कंपनी को 9,624 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था, जिसके हिसाब से इस बार आंकड़ा 8.3 फीसदी ज्यादा है। यह पहला मौका है, जब टीसीएस का तिमाही शुद्ध मुनाफा 10,000 करोड़ रुपये के पार पहुंचा है।
इस तिमाही में स्थिर मुद्रा पर टीसीएस की आय भी 15.4 फीसदी बढ़कर 55,309 करोड़ रुपये रही। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में कंपनी को 46,867 करोड़ रुपये की आय हुई थी। ब्लूमबर्ग ने अनुमान लगाया था कि टीसीएस की आय 54,932 करोड़ रुपये और शुद्ध मुनाफा 10,294 करोड़ रुपये रह सकता है।
कंपनी ने बताया कि ब्रिटेन और यूरोपीय बाजारों ने नरम आर्थिक परिदृश्य को झुठलाते हुए दूसरी तिमाही में पहली तिमाही के मुकाबले अच्छी कारोबारी वृद्धि दिखाई है। कंपनी ने कहा कि सितंबर में खत्म तिमाही के दौरान सभी श्रेणियों ने बेहतर प्रदर्शन किया है। पिछले साल जुलाई-सितंबर के मुकाबले सबसे अधिक 22.9 फीसदी वृद्धि रिटेल श्रेणी में दर्ज की गई है।
टीसीएस के मुख्य कार्याधिकारी और प्रबंध निदेशक राजेश गोपीनाथन ने कहा, ‘हमारी सेवाओं की मांग लगातार मजबूत बनी हुई है। हमारा परिचालन मार्जिन 90 आधार अंक बढ़ गया है। दिलचस्प है कि लगातार पांच तिमाहियों से कंपनी वृद्धि दर्ज कर रही है।’
वृद्धि मजबूत बनी हुई है, लेकिन प्रबंधन ने कहा कि यूरोप पर उनकी नजर बनी हुई है। गोपीनाथन ने कहा, ‘हमें ग्राहकों के साथ संवाद करते समय काफी सजग और चौकस रहने की जरूरत है। ग्राहकों से सौदों पर बातचीत हुई है, लेकिन ऑर्डर उतने नहीं मिल पा रहे हैं।’
टीसीएस ने दूसरी तिमाही में 8.1 अरब डॉलर मूल्य के सौदे किए जो पहली तिमाही के 8.2 अरब डॉलर मूल्य के सौदों से कुछ कम हैं। मगर कंपनी को भरोसा है कि सौदे इसी दायरे में बने रहेंगे। टीसीएस के मुख्य परिचालन अधिकारी एवं कार्यकारी निदेशक एन गणपति सुब्रमण्यन ने कहा कि यूरोप में वृहद आर्थिक हालात में कुछ नरमी की वजह से थोड़ा असर पड़ना स्वभाविक है।
शेयरखान बाय बीएनबी पारिबा में शोध प्रमुख संजीव होता ने कहा, ‘अनिश्चित आर्थिक माहौल में टीसीएस ने मजबूत प्रदर्शन किया है और आय तथा मार्जिन दोनों मोर्चों पर बाजार के अनुमान से बेहतर रही है। प्रबंधन ने आगे अच्छी मांग और बेहतर मार्जिन का भरोसा जताया है। मगर वैश्विक हालात को देखते हुए निकट अवधि में कंपनी के शेयर में उतार-चढ़ाव बना रह
सकता है। निवेशकों को गिरावट पर लंबी अवधि के लिए शेयर खरीदने पर ध्यान देना चाहिए।’
कंपनी ने सभी मोर्चे पर बेहतर प्रदर्शन किया है, लेकिन कर्मचारियों की कंपनी छोड़ने की दर चिंता की सबब बनी हुई है। सितंबर तिमाही में कर्मचारियों की नौकरी छोड़ने की दर 21 फीसदी रही, जो पहली तिमाही में 19.7 फीसदी थी।
