facebookmetapixel
प्री-इंस्टॉल नहीं रहेगा संचार साथी, सरकार ने आदेश लिया वापसIndiGo की 2 दिन में 300 उड़ान रद्द, नए FDTL नियमों और पायलट कमी ने ऑपरेशन को प्रभावित कियालुढ़कता रुपया 90 के पार पहुंचा, व्यापार करार में अनि​श्चितता, FPI की निकासी से बढ़ा दबावEditorial: कमजोर रुपया निर्यात में मददगार, लेकिन भुगतान संतुलन पर बढ़ रहा दबावदलहन उत्पादन बढ़ाने की इच्छा कम: प्रतिस्पर्धी फसलों के मुकाबले कमजोर मुनाफारक्षा साझेदारी की कसौटी: भारत-रूस शिखर वार्ता से भविष्य के रिश्तों की परीक्षा2025 में इलेक्ट्रिक दोपहिया बिक्री 10% बढ़ी; टीवीएस, बजाज और एथर के बीच कड़ा मुकाबलापहले घरेलू मांग पूरी करने पर ध्यान देगी टीपी लिंक इंडिया, जल्द शुरू करेगी मैन्युफैक्चरिंगJSW-JFE का बनेगा ज्वाइंट वेंचर, ₹15,750 करोड़ में जापानी कंपनी खरीदेगी BPSL के स्टील कारोबार में 50% हिस्सेदारीमार्वल टेक्नॉलजी की R&D पावर बना भारत, 90% से ज्यादा प्रोडक्ट लाइन में दे रहा योगदान: नवीन बिश्नोई

मतभेद सुलझाने के प्रयासों के बीच होगी टाटा ट्रस्ट्स के ट्र​स्टियों की बैठक

बैठक के नतीजों पर सभी की नजर बनी रहेगी, क्योंकि टाटा ट्रस्ट्स (जिसकी टाटा संस में 66 प्रतिशत हिस्सेदारी है) समूह के प्रशासन और रणनीति पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव रखता है

Last Updated- October 09, 2025 | 10:34 PM IST
Tata Sons

टाटा ट्रस्ट्स के ट्रस्टी स्वास्थ्य सेवा पहलों के लिए आवंटन पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को बैठक करेंगे, क्योंकि सरकार 150 अरब डॉलर के टाटा समूह को नियंत्रित करने वाली दो धर्मार्थ संस्थाओं के प्रमुख सदस्यों के बीच तनाव कम करने के लिए कदम उठा रही है।

घटनाक्रम से अवगत लोगों ने बताया कि यह बैठक ट्रस्ट के अध्यक्ष नोएल टाटा और ट्रस्टी मेहली मिस्त्री के बीच पिछले महीने पूर्व रक्षा सचिव विजय सिंह को ट्रस्ट के नामित सदस्य के रूप में टाटा संस के बोर्ड से हटाने को लेकर कई सप्ताह तक चली तनातनी के बाद आयोजित की जा रही है।इस घटनाक्रम से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया कि शुक्रवार की बैठक में टाटा संस के बोर्ड से टाटा ट्रस्ट के किसी अन्य नामित सदस्य को हटाने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है।

मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दोनों पक्षों से बातचीत की और उनसे मतभेदों को सुलझाने और समूह का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने का आग्रह किया। सूत्र ने बताया कि बैठक में टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन, वरिष्ठ वकील डेरियस खंबाटा और टाटा ट्रस्ट्स के वाइस चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन भी शामिल हुए।

शुक्रवार की बैठक के नतीजों पर सभी की नजर बनी रहेगी, क्योंकि टाटा ट्रस्ट्स (जिसकी टाटा संस में 66 प्रतिशत हिस्सेदारी है) समूह के प्रशासन और रणनीति पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव रखता है। ट्रस्ट के नामांकित व्यक्तियों के पास होल्डिंग कंपनी के बोर्ड के फैसलों पर प्रभावी वीटो का अ​धिकार है।

सिंह के निकलने से जुड़े विवाद के अलावा, ट्रस्टी इस बात पर भी बंटे हुए हैं कि क्या टाटा संस को शापूरजी पलोनजी समूह के नेतृत्व वाले अल्पसंख्यक शेयरधारकों को बाहर निकलने का रास्ता देने के लिए लिस्टिंग की कोशिश करनी चाहिए। कंपनी का भारतीय रिजर्व बैंक को ‘अपर-लेयर’ एनबीएफसी से पुनर्वर्गीकरण के लिए आवेदन अभी भी लंबित है।

First Published - October 9, 2025 | 10:14 PM IST

संबंधित पोस्ट