टाटा स्टील के आंशिक चुकता शेयरों पर दांव इस साल निवेशकों के लिए सबसे अच्छा परिणाम देने वाले ट्रेड में से एक रहा है। मार्च 2020 के 29 रुपये के निचले स्तर से यह शेयर छह गुना उछला है। यह शेयर साल 2018 में 12,800 करोड़ रुपये के राइट्स इश्यू प्रोग्राम के तहत जारी हुआ था।
मंगलवार को यह शेयर 4 फीसदी की बढ़त के साथ अब तक के सर्वोच्च स्तर 181 रुपये पर बंद हुआ। दूसरी ओर, टाटा स्टील के पूर्ण चुकता शेयर में मार्च के निचले स्तर 254 रुपये के मुकाबले 2.5 गुने की बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
आंशिक और चुकता शेयरों के बीच स्प्रेड अब 15 फीसदी प्रीमियम पर है। मार्च में आंशिक चुकता शेयर, पूर्ण चुकता शेयरों की कीमत के मुकाबले 70 फीसदी से ज्यादा छूट पर उपलब्ध थे। ऐसे में किन वजहों से ऐसी भारी-भरकम तेजी दर्ज हुई?
बाजार के विशेषज्ञोंं ने कहा, आंशिक चुकता सेयरों की खरीद टाटा स्टील के कॉल ऑप्शन की खरीद की तरह है, लेकिन बिना किसी एक्सपायरी डेट के। इसकी वैल्यू चुकता शेयरों के मुकाबले एक चौथाई है। इन शेयरों को पूर्ण चुकता शेयरों में बदलने की खातिर तीन चौथाई शेयरोंं की खरीद के मामले में टाटा स्टील ने अभी तक कॉल ऑप्शन की तारीख तय नहींं की है। हालांकि कीमत 615 रुपये प्रति शेयर पर लॉक कर दी गई है।
दूसरे शब्दों में आंशिक चुकता शेयरधारक उन्हें पूर्ण चुकता शेयरों में तब्दील कर पाएंगे जब कंपनी 461.25 रुपये यानी फेस वैल्यू का 75 फीसदी चुकाने के लिए कॉल ऑप्शन की तारीख तय करेगी। आंशिक चुकता शेयर, सामान्य शेयरों की फेस वैल्यू के 25 फीसदी के बराबर है मार्च में जब टाटा स्टील के पूर्ण चुकता शेयर टूटकर 254 रुपये पर आ गए थे तब आंशिक चुकता शेयर एक तरह की प्रतिबद्धता जता रहे थे कि आप पूर्ण चुकता शेयर 615 रुपये पर खरीदेंगे।
इसके परिणामस्वरूप उनका कारोबार भारी छूट पर हुआ। अब स्थितियां ठीक उलट हो गई है क्योंकि आंशिक चुकता शेयरधारकों के पास टाटा स्टील का शेयर 615 रुपये पर खरीदने का अधिकार है जबकि पूर्ण चुकता शेयरों का भाव अभी 635 रुपये है।
आंशिक चुकता शेयर, पूर्ण चुकता शेयरों के हाई-वीटा वर्जन के तौर पर काम करते हैं, जो बढ़त पर उम्दा रिटर्न देता है लेकिन तेजी से गिरावट की संभावना भी उतनी ही रहती है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर किसी निवेशक को भरोसा है कि स्टील के शेयरों में अगले कुछ साल तक बढ़त जारी रहेगी तो वह आंशिक चुकता शेयरों में निवेश कर सकता है।
टाटा स्टील ने साल 2018 में तब राइट्स इश्यू जारी किए थे जब 2016 व 2017 के बीच शेयर की कीमतों में तेज बढ़ोतरी हुई थी। हालांकि राइट्स इश्यू जारी होने के बाद इस शेयर में गिरावट का ररुख बना रहा था।
ज्यादातर स्टील कंपनियों के शेयरों में हाल के महीनोंं में तेज उछाल आई है क्योंकि जिंस की कीमतें चढ़ी है और चीन से मांग बढ़ी है।
