प्रतीकात्मक तस्वीर | फोटो क्रेडिट: ShutterStock
टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस लिमिटेड को अपनी घाटे में चल रही टेलीकॉम कंपनी टाटा टेलीसर्विसेज लिमिटेड को वित्तीय सहायता देनी पड़ सकती है। टाटा टेलीसर्विसेज पर भारत सरकार का 19,256 करोड़ रुपये का समायोजित सकल राजस्व (AGR) और अन्य बकाया है। कंपनी की वित्तीय स्थिति कमजोर होने के कारण वह इस भारी-भरकम राशि का भुगतान करने में असमर्थ है। सूत्रों के मुताबिक, टाटा संस ने बकाया चुकाने के लिए एक सपोर्ट लेटर जारी किया है, जिसमें कंपनी को वित्तीय मदद देने का भरोसा दिया गया है।
टाटा टेलीसर्विसेज की नेट वर्थ अभी -17,876 करोड़ रुपये है, और कंपनी भारी घाटे में चल रही है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने टाटा टेलीसर्विसेज, वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल की AGR बकाया पर ब्याज, जुर्माना और ब्याज पर जुर्माने को माफ करने की याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने इसे “गलत” बताते हुए कहा कि टेलीकॉम कंपनियों को राहत के लिए सरकार से संपर्क करना होगा।
केयर रेटिंग्स ने पिछले साल जून में अपनी एक रिपोर्ट में चेतावनी दी थी कि टाटा टेलीसर्विसेज को मार्च 2026 में चार साल की मोहलत खत्म होने के बाद AGR से जुड़ी देनदारियों का सामना करना पड़ेगा। कंपनी ने अक्टूबर 2021 में सरकार की टेलीकॉम राहत पैकेज का लाभ उठाया था, जिसके तहत AGR बकाया का भुगतान टाला गया था। 31 मार्च 2024 तक कंपनी ने अपनी पूरी देनदारी को मान्यता दी थी, जिसमें ब्याज सहित 17,830 करोड़ रुपये शामिल थे। इसमें टाटा टेलीसर्विसेज महाराष्ट्र लिमिटेड (TTML) के 3,367 करोड़ रुपये और टाटा टेलीसर्विसेज लिमिटेड (TTSL) के 14,463 करोड़ रुपये शामिल थे। मार्च 2025 तक यह राशि बढ़कर 19,256 करोड़ रुपये हो गई है।
टाटा टेलीसर्विसेज ने अपने वायरलेस टेलीफोन कारोबार को भारती एयरटेल को बेच दिया था, और टाटा संस ने कंपनी के सभी बैंक लोन्स का भुगतान किया था। साथ ही, अपने पूर्व इक्विटी पार्टनर एनटीटी डोकोमो की हिस्सेदारी भी वापस खरीदी थी। टाटा समूह ने हमेशा अपने सभी बकाया चुकाने की प्रतिष्ठा बनाए रखी है। FY25 के वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी को 3,626 करोड़ रुपये की आय पर 994 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ। टाटा संस ने जून 2019 तक टाटा टेली बिजनेस सर्विसेज में 46,595 करोड़ रुपये का निवेश किया था और जरूरत पड़ने पर वित्तीय सहायता देने का वादा किया है।