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Tata Motors और JLR मिलकर भारत में बनाएंगे EVs, दुनियाभर में करेंगे निर्यात : N Chandrasekaran

चंद्रशेखरन ने यह भी कहा कि केवल टाटा मोटर्स ही नहीं, बल्कि पूरा टाटा ग्रुप इस परिवर्तन की दिशा में बढ़ रहा है।

Last Updated- September 17, 2024 | 10:49 PM IST
Tata Motors

टाटा मोटर्स (Tata Motors) और जगुआर लैंड रोवर (JLR) अब भारत में ग्लोबल मार्केट के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल (EVs) बनाएंगे। टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन (N Chandrasekaran) ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में यह जानकारी दी।

ऑटोकार (Autocar) को दिए एक इंटरव्यू में, चंद्रशेखरन ने बताया कि टाटा मोटर्स और JLR कई वर्षों से इस क्षेत्र में तालमेल बिठा रहे हैं और अब भारत में वैश्विक बाजारों के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल के मैन्युफैक्चरिंग की योजना को अंतिम रूप दे दिया गया है।

Tata Motors अगले 12 महीनों में अपने निर्यात योजनाओं से उठाएगी पर्दा

JLR के इलेक्ट्रिफाइड मॉड्यूलर आर्किटेक्चर (EMA) प्लेटफॉर्म का जिक्र करते हुए, चंद्रशेखरन ने यह भी कहा कि इस प्लेटफॉर्म पर भारत में दो अलग-अलग मॉडल होंगे, जिनमें से एक मॉडल JLR का होगा और दूसरा मॉडल टाटा मोटर्स के लिए होगा।

उन्होंने कहा, “हम साणंद से जेएलआर कारों का निर्यात भी करेंगे।” चंद्रशेखरन ने बिना ज्यादा जानकारी दिए बताया कि उनकी “बड़ी आकांक्षाएं” हैं और टाटा मोटर्स अगले 12 महीनों में अपने निर्यात योजनाओं पर चर्चा करेगी।

JLR के EMA प्लेटफॉर्म पर बनेगी पहली कार Avinya, ग्लोबल मार्केट में होगा इसका निर्यात

गुजरात के साणंद में स्थित प्लांट से संभवतः EMA प्लेटफॉर्म पर आधारित पहली कार का उत्पादन हो सकता है, जिसे Avinya के नाम से जाना जाता है। उम्मीद की जा रही है कि यह कार ग्लोबल मार्केट के लिए निर्मित होगी, इसके साथ ही इसे भारत में भी बेचा जाएगा। बता दें कि साणंद में ही टाटा मोटर्स ने अमेरिका की दिग्गज ऑटोमेकर
फोर्ड मोटर्स (Ford Motors) के पुराने प्लांट को भी अधिग्रहित किया है।

2030 तक JLR के सभी ब्रांड शुद्ध इलेक्ट्रिक ऑप्शन के साथ होगी उपलब्ध

JLR के पास पहले से ही यूनाइटेड किंगडम, चीन, यूरोप और अन्य स्थानों पर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं और उसने अपनी इलेक्ट्रिफिकेशन योजना की रूपरेखा तैयार की है। टाटा मोटर्स ने अपने FY24 की एनुअल रिपोर्ट में बताया कि नया EMA और जगुआर इलेक्ट्रिफाइड आर्किटेक्चर 2025 से पेश किया जाएगा, क्योंकि यह पूरी तरह से इलेक्ट्रिक बिजनेस की ओर बढ़ रहा है, जिसमें 2030 तक इसके सभी ब्रांड शुद्ध इलेक्ट्रिक विकल्प प्रदान करेंगे।

पूरी तरह से इलेक्ट्रिक होगी JLR, 2030 तक अपग्रेड होंगे दुनिया भर के प्लांट

JLR की इलेक्ट्रिफिकेशन योजना के तहत, दुनिया भर में स्थापित इसके मैन्युफैक्चरिंग प्लांटों में ईवी उत्पादन के लिए जरूरी बदलाव और अपडेट भी किए जाएंगे। सोलिहुल में इलेक्ट्रिक जगुआर का उत्पादन होगा, इसके बाद यूनाइटेड किंगडम के मर्सीसाइड में हेलवुड को पहली ‘इलेक्ट्रिक मैन्युफैक्चरिंग प्लांट’ में परिवर्तित किया जाएगा। स्लोवाकिया के नाइट्रा में JLR के प्लांट को 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन करने के लिए अपडेट किया जाएगा।

JLR FY20 के बेसलाइन की तुलना में 2030 तक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए काम कर रहा है। कंपनी ने अपने सहयोगियों और आपूर्तिकर्ताओं के साथ मिलकर अपने ऑपरेशन में 46 प्रतिशत तक और अपनी पूरी वैल्यू चेन में प्रति वाहन 54 प्रतिशत तक उत्सर्जन कम करने का लक्ष्य रखा है।

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खुली सोच और इनोवेशन की संस्कृति को बढ़ावा देने की इच्छा- चंद्रशेखरन

अपने इंटरव्यू में, चंद्रशेखरन ने खुली सोच और इनोवेशन की संस्कृति को बढ़ावा देने की इच्छा जताई ताकि नई संभावनाओं का पता लगाया जा सके। उन्होंने कहा, “हम टाटा मोटर्स के लागत-केंद्रित दृष्टिकोण को JLR के डिजाइन के साथ मिला सकते हैं। यदि हम ऐसा कर पाते हैं, तो हम एक सही स्थिति में होंगे। फिर आपको दो अलग-अलग तरीकों से लाभ प्राप्त होगा और वॉल्यूम बढ़ेंगा, जो EMA प्लेटफॉर्म में निवेश को न्यायसंगत ठहराएंगे।”

उन्होंने कहा कि टाटा मोटर्स के लिए अकेले यह निवेश करना संभव नहीं हो सकता है, और JLR के वॉल्यूम भी पर्याप्त नहीं हो सकते। उन्होंने आगे कहा, “हम सिर्फ प्लेटफॉर्म के बारे में ही नहीं, बल्कि इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक (E/E) आर्किटेक्चर के बारे में भी बात कर रहे हैं।”

साणंद प्लांट के अलावा मैन्युफैक्चरिंग और निर्यात का हब होगी तमिलनाडु परियोजना

साणंद प्लांट के अलावा, मैन्युफैक्चरिंग और निर्यात का एक अन्य प्रमुख केंद्र आगामी तमिलनाडु परियोजना हो सकती है। इस नई परियोजना में 9,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है, और यह टाटा मोटर्स और JLR के लिए ज्वाइंट प्लांट हो सकती है। इस महीने के अंत में इसकी घोषणा की जा सकती है।

टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी ने इस दशक के अंत तक इलेक्ट्रिक वाहनों में कई अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है, जबकि JLR ने अगले पांच सालों में 15 अरब पाउंड से अधिक पूंजीगत खर्च का रोडमैप तैयार किया है।

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इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में मंदी की चिंता नहीं- चंद्रशेखरन

चंद्रशेखरन ने कहा कि उन्हें इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में किसी भी अल्पकालिक मंदी की चिंता नहीं है और उन्होंने इसे एक चक्रीय प्रक्रिया बताया। FY25 टाटा मोटर्स के लिए इलेक्ट्रिक वाहन बिक्री के लिहाज से चुनौतीपूर्ण रहा है। FY25 की पहली तिमाही में, टाटा मोटर्स के यात्री वाहन की कुल होलसेल बिक्री में 1.1 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि इलेक्ट्रिक वाहन की बिक्री (16,600 यूनिट) में 13.9 प्रतिशत की तीव्र गिरावट दर्ज की गई, जो फ्लीट सेगमेंट में भारी गिरावट के कारण हुई।

2030 तक टाटा मोटर्स की बिक्री में EV की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत होगी

उन्होंने कहा, “अगर हमें भारत में कुछ करना है, तो इलेक्ट्रिक वाहनों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए क्योंकि हमारे पास दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की संख्या सबसे ज्यादा है। टॉप 20 में से 14 शहर भारत में हैं। इसलिए, अगर हमें इस समस्या का समाधान करना है, तो हमें अपनी सभी कंपनियों में इस दिशा में आगे बढ़ना होगा।” उन्होंने यह कहा कि 2030 तक टाटा मोटर्स की बिक्री में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत होगी।

चंद्रशेखरन ने यह भी कहा कि केवल टाटा मोटर्स ही नहीं, बल्कि पूरा टाटा ग्रुप इस परिवर्तन की दिशा में बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, “हमने यह भी निर्णय लिया है कि टाटा पावर में, हम कोयले में कोई पूंजीगत खर्च नहीं करेंगे। हमारा सारा पूंजीगत खर्च रिन्यूएबल एनर्जी में जाएगा।”

First Published - September 17, 2024 | 5:04 PM IST

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