सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की मूल कंपनी इंटरग्लोब एविएशन के खिलाफ केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) की याचिका खारिज कर दी। याचिका में मरम्मत के लिए विदेश भेजे गए विमानों और उनके पुर्जों के पुन: आयात पर एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (आईजीएसटी) लगाने की मांग की गई थी।
यह कर मांग वर्ष 2021 की उस सरकारी अधिसूचना पर आधारित थी जिसमें 2017 की छूट को स्पष्ट करने और पिछली तारीख से संशोधित करने का अनुरोध किया गया था। सरकार ने सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवा कर अपीली न्यायाधिकरण (सीईएसटीएटी) के अगस्त 2024 के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें पिछली तारीख से कर मांग को खारिज कर दिया गया था। उसने कहा था कि इससे एयरलाइनों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन के पीठ ने सोमवार को सीमा शुल्क विभाग के अनुरोध को खारिज करते हुए उसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया।