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UP में स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड कारों की बिक्री में मजबूती, EV निर्माताओं ने जताई चिंता

जैटो डायनामिक्स के आंकड़ों से पता चलता है कि यूपी में अप्रैल से अगस्त के बीच महीना दर महीना 409, 496, 355, 430 और 387 इले​क्ट्रिक कारें ही बिकीं।

Last Updated- September 19, 2024 | 10:35 PM IST
Cars

उत्तर प्रदेश में स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड कारों के रजिस्ट्रेशन पर शुल्क खत्म किए जाने के बाद उसकी बिक्री को जबरदस्त रफ्तार मिली है। सरकार ने 5 जुलाई को शुल्क खत्म करने की घोषणा की थी और उसके बाद इन कारों की मासिक बिक्री में दोगुना से अ​धिक की वृद्धि दर्ज की गई है। इसके विपरीत राज्य में इले​क्ट्रिक कारों की बिक्री लगभग ​​स्थिर रही। स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड कार कुछ दूरी केवल बैटरी के सहारे तय कर जाती है, जिससे ईंधन की और भी बचत होती है।

जैटो डायनामिक्स के आंकड़ों से पता चलता है कि यूपी में अप्रैल से अगस्त के बीच महीना दर महीना 409, 496, 355, 430 और 387 इले​क्ट्रिक कारें ही बिकीं। मगर इसी दौरान राज्य में स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड कारों की बिक्री अप्रैल में 292, मई में 239 और जून में 390 वाहन थी, जो जबरदस्त वृद्धि के साथ जुलाई में 895 और अगस्त में 996 वाहन हो गई।

इन आंकड़ों के बारे में पूछे जाने पर स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड कार बाजार की तीन प्रमुख कंपनियों में से दो- मारुति सुजूकी और होंडा कार्स इंडिया ने काफी संतोषजनक जवाब दिया। मगर देश की प्रमुख इलेक्ट्रिक कार कंपनी टाटा मोटर्स और दक्षिण कोरिया की कार कंपनी किया इंडिया ने निराशा व्यक्त किया।

मारुति सुजूकी के कार्यकारी निदेशक (कॉरपोरेट मामले) राहुल भारती ने इस फैसले के लिए यूपी सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कार्बन उत्सर्जन कम करने और तेल आयात घटाने के दोहरे राष्ट्रीय लक्ष्यों को हासिल करने में स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड कार के महत्त्व को पहचाना है।

भारती ने कहा, ‘यूपी के ग्राहकों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। यह देखकर अच्छा लगता है कि यूपी में बीईवी (बैटरी ईवी) और एसएचईवी (स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड ईवी) की कुल पैठ 4.6 फीसदी हो चुकी है। यह अगस्त में राष्ट्रीय औसत से अधिक है।’

जाटो डायनेमिक्स के आंकड़ों से पता चलता है कि यूपी में कारों की कुल बिक्री में स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड कार की हिस्सेदारी जून में 1.2 फीसदी से बढ़कर अगस्त में 3.3 फीसदी हो गई। यूपी सरकार ने 5 जुलाई को स्ट्रॉन्ग और प्लग-इन हाइब्रिड कारों पर 8 से 10 फीसदी के पंजीकरण शुल्क को माफ करने का आदेश जारी किया था। इससे इन कारों के ऑन-रोड कीमतों में 4 लाख रुपये तक की कमी आई है।

होंडा कार्स इंडिया के उपाध्यक्ष (बिक्री एवं विपणन) कुणाल बहल ने इस समाचार पत्र को बताया कि स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड कार पंजीकरण शुल्क माफ करने संबंधी यूपी सरकार के फैसले से इन कारों के दाम घट गए हैं जिससे ग्राहक दायरे में विस्तार हुआ है।

बहल ने कहा, ‘हम होंडा सिटी ई:एचईवी में उन्नत हाइब्रिड तकनीक की पेशकश करते हैं। भारत में इसकी बिक्री जून के मुकाबले जुलाई 2024 में करीब दोगुनी हो गई और यही रफ्तार अगस्त में भी जारी रही। पिछले साल होंडा सिटी की कुल बिक्री में होंडा सिटी ई:एचईवी का योगदान 11 फीसदी रहा था, जबकि इस साल यह आंकड़ा बढ़कर 14 फीसदी पहले ही हो चुका है।’

उन्होंने कहा कि अनुकूल कर नीतियों और शुल्क में कमी किए जाने से हाइब्रिड वाहनों की स्वीकार्यता बढ़ सकती है। इस प्रकार यह भारतीय ग्राहकों के लिए अधिक व्यवहार्य विकल्प बन सकता है। पिछले महीने यूपी सरकार के साथ एक बैठक में टाटा मोटर्स, ह्युंडै मोटर इंडिया, किया इंडिया और महिंद्रा ऐंड महिंद्रा ने राज्य सरकार के 5 जुलाई के आदेश का जोरदार विरोध किया था। उनका कहना था कि राज्य में ईवी कार का बाजार अभी शुरुआती अवस्था में है जिसे पूरा समर्थन देने की जरूरत है।

दूसरी ओर मारुति सुजूकी, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर और होंडा कार्स इंडिया ने राज्य सरकार के आदेश का समर्थन किया था। उनका कहना था कि प्रोत्साहन सभी ग्रीन तकनीकों को मिलना चाहिए। इस बाबत जानकारी के लिए संपर्क किए जाने पर ह्युंडै, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा और टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने कोई जवाब नहीं दिया।

भारत के इलेक्ट्रिक कार बाजार में करीब 64 फीसदी बाजार हिस्सेदारी रखने वाली टाटा मोटर्स के प्रवक्ता ने कहा कि हाल में घोषित पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत देश के हितों (शून्य उत्सर्जन वाली मोबिलिटी, आर्थिक एवं ऊर्जा सुरक्षा आदि) को ध्यान में रखते हुए ईवी को मदद देने के लिए स्पष्ट निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि गैर-शून्य उत्सर्जन वाली प्रौद्योगिकी का समर्थन करने से ये उद्देश्य पूरे नहीं होंगे।

किया इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (बिक्री एवं विपणन) हरदीप सिंह बरार ने कहा कि कंपनी ईवी के लिए प्रोत्साहन देने संबंधी केंद्र सरकार की नीति का पूर्ण समर्थन करती है और उससे सहमत है, क्योंकि वे वास्तव में शून्य उत्सर्जन करने वाले वाहन हैं।

First Published - September 19, 2024 | 10:35 PM IST

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