आईएफसी समर्थित वे-कूल फूड्स का अपने तेजी से बढ़ते खाद्य उत्पाद कारोबार के चलते वित्त वर्ष 2024-25 तक 6,000 करोड़ रुपये की इकाई बनने का लक्ष्य है। वे-कूल कृषि वाणिज्य स्टार्टअप कंपनी है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी का राजस्व 2,000 करोड़ रुपये रहा है।
वाहन उद्योग के दिग्गज कार्तिक जयरामन और अशोक लेलैंड के पूर्व प्रमुख विनोद दसारी के पुत्र संजय दसारी ने वर्ष 2015 में चेन्नई में वे-कूल की स्थापना की थी। इसकी स्थापना एक सामाजिक उद्यम और कृषि-तकनीक कंपनी के रूप में की गई थी।
बाद में यह विभिन्न ब्रांड मसलन मधुरम, डेजी फ्रेश, लेक्सोटिक, किचनजी और फ्रेशी के साथ कई कृषि उत्पाद और रेडी-टू-कुक बाजार में भी उतर गई। इन ब्रांड का पिछले वित्त वर्ष (2022-23) में कंपनी के 2,000 करोड़ रुपये के राजस्व में लगभग 25 प्रतिशत तक का योगदान रहा। यह इससे पिछले वित्त वर्ष में 10 प्रतिशत था।
वे-कूल के सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक जयरामन को वित्त वर्ष 2024-25 तक इसके 35-40 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है। कंपनी का 6,000 करोड़ रुपये के कारोबार वाली इकाई बनने का लक्ष्य है।
जयरामन ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा, ‘‘हमने बीते वर्ष में 2,000 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया है। इसमें से 25 प्रतिशत ब्रांडेड उत्पादों और तीसरे पक्ष वितरण शुल्क (रोजमर्रा के इस्तेमाल में आने वाले उत्पादों वाली कंपनियों.. एचयूएल, आईटीसी और नेस्ले तथा अन्य) से आया है।’’