स्पाइसजेट के प्रवर्तक अजय सिंह ने नए इक्विटी शेयरों और/या परिवर्तनीय साधनों की खरीद करते हुए विमानन कंपनी में 500 करोड़ रुपये लगाने का फैसला किया है। कंपनी ने आज यह जानकारी दी। नियामक के अधिकारियों ने मंगलवार को कहा था कि नकदी संकट से जूझ रही विमानन कंपनी 22 जून से ‘एहतियाती’ उपाय के रूप में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) की ‘बढ़ी हुई निगरानी’ के अधीन है।
अजय सिंह, जो इस विमानन कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक भी हैं, ने कहा ‘मुझे यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि मैं कंपनी में 500 करोड़ रुपये का निवेश करूंगा। स्पाइसजेट का भविष्य उज्ज्वल है और मैं इसे इसकी पूर्ण क्षमता हासिल करने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।’31 मार्च, 2023 तक अजय सिंह और उनके परिवार के पास विमानन कंपनी में 46.95 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
सिंह ने कहा कि यह निवेश विमानन कंपनी को अपनी विकास योजनाओं में तेजी लाने और बाजार में नए अवसरों पर कब्जा करने, अपना राजस्व और मुनाफा बढ़ाने की अनुमति देगा। हम टिकाऊ और लाभदायक कारोबार बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और यह निवेश उस प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब है।
विमानन कंपनी ने कहा कि सिंह द्वारा इस धन के निवेश से स्पाइसजेट केंद्र सरकार की आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना के तहत 206 करोड़ रुपये की अतिरिक्त क्रेडिट सुविधाओं की हकदार हो जाएगी। स्पाइसजेट वर्ष 2018-19 (वित्त वर्ष 19) से घाटे में चल रही है। कंपनी का समेकित शुद्ध घाटा वित्त वर्ष 22 में बढ़कर 1,744.2 करोड़ हो गया, जो वित्त वर्ष 21 में 1,029 करोड़ रुपये था।