नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने स्पाइसजेट को अपनी बढ़ी हुई निगरानी व्यवस्था से हटा दिया है। विमानन नियामक ने पाया है कि विमानन कंपनी ने ‘उपयुक्त रखरखाव कार्रवाई’ की थी। नियामक ने कहा कि उसने विमानन कंपनी के बेड़े में देश के 11 स्थलों पर 51 जांच की, जिसमें बोइंग 737 और बॉम्बार्डियर डीएचसी क्यू-400 विमान शामिल हैं।
विमानन नियामक ने कहा कि कुल 23 विमानों का निरीक्षण किया गया और डीजीसीए के दलों द्वारा 95 टिप्पणियां की गईं। जांच परिणाम नियमित प्रकृति वाला था और डीजीसीए ने उसे महत्वपूर्ण नहीं माना। प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना कर रही विमानन कंपनी को हाल ही में बढ़ी हुई निगरानी में रखा गया था। डीजीसीए के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अपर्याप्त रखरखाव और पिछले साल मॉनसून के दौरान हुई घटनाओं के मद्देनजर स्पाइसजेट को बढ़ी हुई निगरानी में रखा गया था।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘डीजीसीए के दिशानिर्देशों के अनुसार टिप्पणियों पर विमानन कंपनी ने उचित कार्रवाई की, जिसकी वजह से स्पाइसजेट को डीजीसीए की बढ़ी हुई निगरानी व्यवस्था से हटा दिया गया है।’
विमानन कंपनी ने 19 जून, 2022 और 6 जुलाई, 2022 के बीच तकनीकी खराबी की कम से कम आठ घटनाओं की सूचना दी थी, जिसके बाद डीजीसीए ने विमानन कंपनी को अपनी निर्धारित उड़ानों में से 50 प्रतिशत उड़ानों का संचालन करने का आदेश दिया था। नियामक ने 21 अक्टूबर, 2022 को यह सीमा हटा दी थी।
बढ़ी हुई निगरानी में विशेष रूप से रात के समय जांच की संख्या अधिक रही। डीजीसीए के आंकड़ों के मुताबिक घरेलू यात्री बाजार में स्पाइसजेट की हिस्सेदारी जून में घटकर 4.4 प्रतिशत रह गई, जो मई में 5.4 प्रतिशत थी।