देश में स्थापित किए जा रहे पांच सेमीकंडक्टर संयंत्रों में से चार गुजरात के धोलेरा में बनाए जा रहे हैं। लिहाजा राज्य अब औद्योगिक क्षेत्रों के आसपास अस्पताल, स्कूल, कैफेटेरिया, फूड कोर्ट और ऐसी अन्य इमारतों जैसे सामाजिक बुनियादी ढांचे के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करेगा। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन पटेल ने बुधवार को यह जानकारी दी।
यहां गांधीनगर में इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (आईईएसए) विजन समिट 2025 में पटेल ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर विनिर्माण नीति की घोषणा करने में राज्य की अग्रणी भूमिका रही है। यही कारण है कि भारत में लगाए जा रहे पांच सेमीकंडक्टर संयंत्रों में से चार गुजरात के धोलेरा में बन रहे हैं।
इससे पहले दिन में इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन के मुख्य कार्य अधिकारी सुशील पाल ने कहा कि अकेले सेमीकंडक्टर विनिर्माण ही साल 2030-31 तक सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में कुल 500 अरब डॉलर के लक्ष्य का 25 प्रतिशत या 100 अरब डॉलर तक हासिल कर सकता है।
पाल ने कहा, ‘इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण अपने बाजार आकार, वृद्धि दर और रोजगार की अधिक संभावित क्षमता के कारण विनिर्माण की सबसे महत्वपूर्ण श्रेणी है और इसलिए कि यह वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक कारोबार वाली वस्तु है।’
उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए कई नीतियों पर भी काम कर रही है कि देश में सेमीकंडक्टर विनिर्माण के रसायन और गैस जैसे कच्चे माल के आपूर्तिकर्ताओं का पूरा पारिस्थितिकी तंत्र मौजूद हो। उन्होंने कहा कि देश ने अब तक आईएसएम के पहले चरण के तहत 18 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित कर लिया है।
पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉरपोरेशन (पीएस एमसी) भारत में सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम बनाने के लिए ताइवान से सेमीकंडक्टर फैब निर्माण कंपनियों को भारत लाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है। कंपनी के अध्यक्ष मार्टिन चू ने यह जानकारी दी।
गांधीनगर में चार दिवसीय इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन(आईईएसए) विजन शिखर सम्मेलन 2025 के उद्घाटन सत्र में चू ने कहा कि भारत ने पीएसएमसी जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए स्वागतयोग्य माहौल बनाया है जिससे ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित होगा जो नवाचार और निवेश के लिए अनुकूल होगा। चू ने कहा कि पीएससीएम कई मोर्चों पर टाटा समूह के साथ सहयोग कर रही है। कंपनी ने गुजरात के धोलेरा में देश की पहली सेमी कंडक्टर चिप विनिर्माण इकाई बनाने के लिए भारत के टाटा समूह के साथ साझेदारी की है।
टाटा समूह-पीएसएमसी संयुक्त उद्यम गुजरात के धोलेरा में लगभग 11 अरब डॉलर के निवेश से चिप निर्माण संयंत्र बना रहा है। यह भारत में अभी तक का अकेला चिप निर्माण संयंत्र है जिसे भारत सेमीकंडक्टर मिशन के तहत केंद्र और राज्य सरकार से रियायतों और प्रोत्साहनों की मंजूरियां मिली हैं। इससे पहले बुधवार को टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और पीएसएमसी ने ताइवान की फैबलेस चिप विनिर्माता कंपनी हाईमैक्स के साथ एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स अपनी धोलेरा फैक्ट्री से हाईमैक्स के लिए डिस्प्ले चिप बनाएगी जो अभी निर्माणाधीन है।
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के सीईओ और एमडी रणधीर ठाकुर ने कहा, हाईमैक्स और पीएसएमसी के साथ यह करार हमारे साझा ग्राहकों के लिए डिस्प्ले से संबंधित सेमीकंडक्टर उत्पादों के लिए अलग तरह के समाधानों के विकास में सक्षम बनाएगा।