लार्सन ऐंड टुब्रो (एलऐंडटी) के नए चेयरमैन एसएन सुब्रमण्यन (एसएनएस) 1 अक्टूबर से अपना पद संभालेंगे। कंपनी के मौजूदा चेयरमैन ए एम नाइक 1 अक्टूबर को अपना पद छोड़ रहे हैं और सुब्रमण्यन को कमान सौंप रहे हैं। सुब्रमण्यन कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक के रूप में कार्य करेंगे। नाइक का विदाई समारोह मुंबई में भव्य तरीके से मनाए जाने की उम्मीद है। इस कार्यक्रम में बॉलीवुड गायक सोनू निगम भी प्रस्तुति देंगे।
कंपनी के दोनों वरिष्ठ अधिकारियों के साथ काम करने वाले एक पूर्व कर्मचारी ने कहा, ‘एसएनएस और नाइक का अलग जलवा रहा है। नाइक सामाजिक व्यक्ति रहे हैं जबकि एसएनएस का ध्यान कारोबार पर अधिक केंद्रित रहता है। वह नई तकनीक को अपनाने वाले और तुरंत निर्णय लेने वालों में हैं।’
जलवा की अगर नहीं भी बात करें तो एलऐंडटी के कई अंदरूनी सूत्रों का यह भी मानना है कि नाइक ने इस भूमिका के लिए एसएनएस को काफी अच्छे तरीके से निखारा है। एलऐंडटी के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘मैं दोनों के साथ काम करने में बेहद सहज हूं।’
नए चेयरमैन के प्रति निष्पक्ष रहने के लिए विरासत को बनाए रखने के प्रयास भी स्पष्ट हैं। हाल के वर्षों में मीडिया और शेयरधारकों से एसएनएस की बातचीत हल्की टिप्पणियों वाली रही है। साल 2019 में उन्होंने कहा था कि माइंडट्री का अधिग्रहण प्यार से किया जाएगा।
नाइक से पिछले छह साल गैर कार्यकारी चेयरमैन की भूमिका में एसएनएस को निखारने में बिताए हैं। उदाहरण के तौर पर एलऐंडटी ने माइंडट्री का अधिग्रहण कर लिया। अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, जब एसएनएस और उनकी टीम ने सौदे की पहल की तो कहा जाता है कि नाइक ने कीमत पर बातचीत की थी।
बिज़नेस स्टैंडर्ड से पिछली बार की बातचीत में उन्होंने कहा था कि उन्होंने तकनीकी संबंधित विशेषज्ञा हासिल करने के लिए एसएनएस को एक साल के लिए विदेश भेजने का फैसला किया है। कंपनी एसएनएस के अपने प्रोफाइल में एलएंडटी की साख और उपस्थिति स्थापित करने के लिए पश्चिम एशिया, अफ्रीका और आसियान जैसे देशों में उद्यम करना शामिल करती है और दीर्घकालिक संबंध बनाना उनके लिए आसान हो गया है।
पिछले छह वर्षों में इन दोनों मामलों पर एसएनएस का प्रभाव स्पष्ट है। मार्च 2023 तक एलऐंडटी का कुल राजस्व 1.83 लाख करोड़ रुपये था। इसमें से 22 फीसदी कमाई कंपनी के आईटी और तकनीकी कारोबार से हुई थी। जून 2023 तक एलऐंडटी का चार लाख करोड़ रुपये का ऑर्डरबुक का एक चौथाई हिस्सा पश्चिम एशियाई बाजार से था। इतना बड़ा पैमाना जिसकी बागडोर एसएनएस नाइक से लेंगे उसके निष्पादन और कार्यशील पूंजी प्रबंधन के मामले में भी उनके लिए चुनौती है।