एक रिपोर्ट में मंगलवार को कहा गया कि भारतीय उद्यमों और सेवा प्रदाताओं द्वारा IT खर्च वर्ष 2023 में 7.8 प्रतिशत बढ़ेगा, जो कई कारणों की वजह से पिछले साल की तुलना में कम है।
IDC की वर्ल्डवाइड ब्लैक बुक: लाइव एडीशन के अनुसार, भारतीय आईटी खर्च (उद्यमों, सेवा प्रदाताओं, और उपभोक्ताओं द्वारा) 2023 में कॉन्स्टेंट करेंसी (CC) संदर्भ में 4.7 प्रतिशत बढ़कर 86.6 अरब डॉलर रहने का अनुमान है। IDC की अक्टूबर की प्रेस रिलीज में अनुमान जताया गया था कि 2023 में खर्च वृद्धि 5.8 प्रतिशत रहेगी।
बढ़ती कीमतों की वजह से उपभोक्ता IT खर्च 2022 की चौथी तिमाही में काफी घट गया था और इस वजह से वृद्धि कमजोर पड़कर 2023 में 2.1 प्रतिशत रह गई। उपभोक्ता IT खर्च में मुख्य तौर पर मोबाइल, टैबलेट, पर्सनल कम्प्यूटर, वियरेबल्स, और पेरिफेरल जैसे डिवाइस की खरीदारी शामिल होती है।
उद्यमों द्वारा IT बजट बनाते समय कीमत वृद्धि, स्टाफ की किल्लत, सप्लाई चेन से जुड़ी समस्याओं और व्यावसायिक राजस्व पर कमजोर हो रही ग्लोबल अर्थव्यवस्था के प्रभाव को लेकर सतर्कता बरती जा रही है।
IDC एशिया/पैसीफिक में IT स्पेंडिंग गाइड्स के शोध निदेशक विनय गुप्ता ने कहा, ‘बढ़ती मुद्रास्फीति और मौद्रिक अवमूल्यन ने तकनीकी निवेश महंगा बना दिया है। अल्पावधि जरूरतों पर उद्यमों की प्राथमिकता में बदलाव आ रहा है। वैश्विक वृहद आर्थिक हालात से जुड़ी चिंताओं से भी IT खर्च में वृद्धि की रफ्तार धीमी पड़ी है।’
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उन्होंने कहा, ‘उद्यमों को अपने व्यवसायों पर चुनौतियों के प्रभाव का सामना करना पड़ेगा और उन्हें बदलाव पर ध्यान देने के लिए खपत-आधारित मॉडलों पर जोर देने की जरूरत होगी।’
2023 में घरेलू IT सेवा खर्च 8.7 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है और उसे ग्राहक जोड़ने तथा उन्हें संतुष्ट बनाए रखने के लिए उद्यमों की बढ़ती जरूरत से मदद मिलेगी। वहीं सॉफ्टवेयर खर्च 2023 में 15 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है, और इसे क्लाउड-आधारित सॉल्युशनों को तेजी से अपनाए जाने से मदद मिल सकती है।