सूचना प्रौद्योगिकी सेवा क्षेत्र की शीर्ष पांच कंपनियों के दूसरी तिमाही के प्रदर्शन से संकेत मिलता है कि इस क्षेत्र के सबसे बड़े कारोबार – बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं में वैकल्पिक खर्च की वजह से धीमी वृद्धि का खत्म हो गया है।
हालांकि व्यापक आर्थिक स्थिति को लेकर चुनौती बनी हुई है। शीर्ष चार कंपनियों – टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), इन्फोसिस, एचसीएलटेक और विप्रो में से बेंगलूरु की इन्फोसिस ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है और यह उसके पूरे साल के राजस्व अनुमान में दिखाई दिया।
इन्फोसिस ने लगातार दूसरी तिमाही में अपना अनुमान बढ़ाया है। अब उसे उम्मीद है कि वित्त वर्ष 25 का राजस्व पहले बताए गए तीन से चार प्रतिशत के मुकाबले बढ़कर 3.75 से 4.5 प्रतिशत के दायरे में बढ़ेगा।
इस बदलाव का भरोसा सभी कंपनियों का यह कथन है कि उन्हें बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा (बीएफएसआई) में वैकल्पिक खर्च की वापसी नजर आ रही है। यह बात इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि राजस्व कमाने के लिहाज से बीएफएसआई सबसे बड़ा क्षेत्र है। इस क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी टीसीएस के मामले में बीएफएसआई ने अमेरिका और यूरोप में वृद्धि दर्ज की है।
टीसीएस मुख्य कार्य अधिकारी और प्रबंध निदेशक के कृत्तिवासन ने विश्लेषकों की बैठक में कहा, ‘उत्तर अमेरिका, महाद्वीपीय यूरोप और ब्रिटेन में हम बैंकिंग में अच्छी वृद्धि देख रहे हैं और पूंजी बाजार कमजोर रहे हैं। बीमा में वृद्धि हुई है और बैंकिंग में नियमन तथा जोखिम और अनुपालन भी बढ़ा है। यूरोप में कमोबेश ऐसा ही रुझान है। ब्रिटन में पूंजी बाजार हमेशा दिक्कत वाला रहा है।
अच्छी बात यह है कि बैंकिंग आगे बढ़ रही है और बीमा भी, जिसके बारे में हमें उम्मीद है कि आने वाली तिमाहियों में यह बरकरार रहेगा।’ सभी कंपनियों की टिप्पणी एक जैसी थी। इन्फोसिस के मुख्य कार्य आधिकारी और प्रबंध निदेशक सलिल पारेख ने कहा, ‘अमेरिका में वित्तीय सेवाओं में वैकल्पिक खर्च में इजाफा जारी है।’
गार्टनर के वरिष्ठ प्रमुख विश्लेषक विश्वजीत मैती ने कहा, ‘अधिकांश भारतीय आईटी सेवा प्रदाताओं ने पहली तिमाही में मंदी के मुकाबले दूसरी तिमाही में सुधार का अनुभव किया। हालांकि मांग में सुधार हो रहा है, लेकिन हमें आने वाली तिमाहियों में और सुधार दिखने की उम्मीद है। विभिन्न व्यापक आर्थिक चुनौतियों के बावजूद प्रमुख आईटी सेवाओं के लिए संपूर्ण दृष्टिकोण सकारात्मक बना हुआ है और सौदों के प्रस्ताव मजूबत हैं। हमने लगातार इस बात पर जोर दिया है कि इस साल हमें वृद्धि देखने को मिलेगी।’
हालांकि चिंताएं और चुनौतियां कायम हैं। लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि अब इस क्षेत्र में अच्छी वृद्धि होनी चाहिए। तत्काल चुनौती वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही होगी, जिस पर कम कार्य दिवस, ‘फर्लो’ और अमेरिकी चुनाव का असर पड़ेगा।