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कोविड से ई-कॉमर्स की चांदी?

Last Updated- December 15, 2022 | 3:25 AM IST

कुछ साल पहले टेक्नोपैक एडवाइजर्स के अरविंद सिंघल ने भविष्यवाणी की थी देश में खरीदारी के क्षेत्र में ई-कॉमर्स और खुदरा में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा बढऩे से एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा लेकिन उस वक्त किसे इस बात का अंदाजा था कि कोविड-19 जैसी महामारी भी इसकी रफ्तार बढ़ा देगी। इसके सबूत हाल में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एमेजॉन प्राइम डे और फ्लिपकार्ट सेल से भी मिले। हालांकि उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि यह जरूरी नहीं कि रिकॉर्ड स्तर की बिक्री उपभोक्ताओं के आत्मविश्वास को भी बढ़ाने में कारगर हों।
प्राइम सदस्यों के लिए विशेषतौर पर शुरू की गई 48 घंटे की सेल के बाद जेफ बेजोस के नेतृत्व वाली ई-कॉमर्स कंपनी एमेजॉन ने घोषणा की कि यह भारत में अब तक की सबसे बड़ी सेल थी। पिछले साल की तुलना में हाल के प्राइम डे से दोगुनी कमाई हुई। सूत्रों का कहना है कि सेल के पहले दिन हुई बिक्री की तुलना करने से अंदाजा मिला कि यह पिछली दीवाली के सेल से भी बेहतर था।
ऐसी महामारी के दौरान कंपनी की यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है खासतौर पर तब जब कंपनी ने दुनिया भर में एक साथ ही प्राइम डे छूट की पेशकश की थी लेकिन भारत ही एकमात्र देश था जहां खरीदारी जमकर की गई। कई दूसरे देश प्राइम डे की सफलता सुनिश्चित करने के लिए कोविड-19 के प्रभाव के खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं वहीं भारत में एमेजॉन, प्राइम डे सेल और दीवाली सेल के टकराव से बचना चाहती थी। वहीं कुछ जगहों पर तीसरी और चौथी तिमाही में प्राइम डे की पेकश की योजना है।
अनुमानों से अंदाजा मिलता है कि प्राइम डे इंडिया सेल करीब 45-50 करोड़ डॉलर का था और सबसे ज्यादा बिक्री स्मार्टफोन और इससे जुड़े सहायक उपकरणों की श्रेणी में हुई इसके बाद बड़े अप्लायंसेज, इलेक्ट्रॉनिक्स से जुड़े सामान, घर और रसोई तथा फैशन जैसी श्रेणियों में खरीदारी हुई। उम्मीद के मुताबिक ही कोविड-19 और घर से काम करने की वजह से सैनिटाइजर, सेहत से जुड़े सामानों, घर में पहने जाने लायक आरामदायक कपड़े, लैपटॉप और स्मार्ट उपकरण खरीदारों की सूची में शीर्ष पर थे। लेकिन इन सबमें सबसे अलग बात यह थी कि इसमें मझोले शहरों के खरीदारी की भागीदारी बढ़ती हुई दिखी और देश के करीब 97 फीसदी पिनकोड पर कम से कम एक ऑर्डर जरूर किए गए। अधिकारियों का कहना है कि इस इवेंट के दौरान प्रमुख बात यह रही कि कंपनी को प्राइम ग्राहक (जो मूल्य वर्धित सेवाओं और जल्दी डिलिवरी के लिए अतिरिक्त वार्षिक भुगतान करते हैं) मिले। दुनिया भर के 15 करोड़ में से भारत में करीब दस लाख प्राइम सदस्य हैं।
वॉलमार्ट की स्वामित्व वाली कंपनी फ्लिपकार्ट ने भी अपने चार दिवसीय अगस्त की सेल के दौरान अच्छा कारोबार किया। कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले साल के मुकाबले विक्रेताओं के लेन-देन में 54 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। एमेजॉन और फ्लिपकार्ट के मंच पर स्थानीय कारोबारियों खासतौर पर छोटे और मझोले विक्रेताओं का प्रदर्शन काफी शानदार रहा। शिक्षा और दफ्तर के काम से जुड़े उपकरणों में पैसे लगाने के रुझान की वजह से ही मोबाइल और महंगे स्मार्टफोन क्षेत्र में अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिली।
अधिकारी ने बताया कि नए लॉन्च किए गए लैपटॉप 120 सेकंड में बिक गए और फ्लिपकार्ट पर राउटर की काफी मांग देखी गई। सेल के दौरान ट्रिमर की बिक्री में काफी तेजी देखी गई और फ्लिपकार्ट पर फ्रीडम डे सेल के दौरान हर दो सेकंड में एक ट्रिमर की बिक्री हुई। फ्लिपकार्ट पर 100 किलोमीटर के लिए 1,000 इलेक्ट्रिक कारों के लिए खूब पावर बैंक की भी बिक्री हुई।
हालांकि एमेजॉन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियां बिक्री के आंकड़े का इस्तेमाल कारोबार में सुधार के संकेतक के तौर पर करने से कतराती हैं क्योंकि देश के कुल 790 अरब डॉलर के खुदरा कारोबार में ई-कॉमर्स की हिस्सेदारी अब भी एकल अंक में सिमटी हुई है। खुदरा सलाहकार कंपनी थर्ड आईसाइट के प्रमुख अधिकारी देवांशु दत्ता कहते हैं, ‘बाजार की स्थिति को सामान्य होने में वक्त लगेगा इसलिए इस तरह के सेल लघु अवधि के लिए हैं और इससे लगातार मांग का संकेत नहीं मिलता है।’
 स्वतंत्रता दिवस से पहले दुकानों पर खुदरा बिक्री की मांग में भी कोई उत्साह नहीं दिखा जिससे इस बात के संकेत मिले की खरीदारी के रुझान में तेजी दिखने में अभी समय लग सकता है। साथ ही भारतीय खुदरा संगठन (आरएआई) द्वारा पाक्षिक आधार पर किए जाने वाले कारोबार सर्वेक्षण के पांचवें संस्करण में जुलाई में मामूली सुधार के संकेत मिलते हैं। आरएआई के मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) कुमार राजगोपालन के मुताबिक, ‘स्थानीय लॉकडाउन, सप्ताहांत पर लगाए कफ्र्यू और फूड कोर्ट तथा सिनेमा हॉल को अनुमति नहीं देने से भी कारोबार के सामान्य होने में बाधाएं’ पैदा हो रही हैं। संगठन ने विभिन्न राज्य प्राधिकरणों से ऐसे उपायों के लिए बात की है जिससे कारोबार में सुधार आए। लोगों के दिमाग में आत्मविश्वास होना सबसे जरूरी है ताकि वे बाहर निकलकर खरीदारी करें। निश्चित रूप से इसकी अभी कमी है।
 टेक्नोपैक के संस्थापक और अध्यक्ष सिंघल ने बताया ग्राहक इस वक्त ऑनलाइन खरीदारी के विकल्प ढूंढ रहे हैं जिसकी वजह से एमेजॉन और फ्लिपकार्ट का सेल सफल हुआ। उन्होंने कहा कि बड़ी तादाद में भारतीयों की आमदनी कम हुई है ऐसे में उनके लिए ई-कॉमर्स सेल के दौरान खरीदारी करना बेहतर विकल्प है। सिंघल कहते हैं कि लेकिन इससे उपभोक्ता खर्च में उछाल आने के कोई संकेत नहीं हैं। वह कहते हैं, ‘उपभोक्ता खर्च में तब तक तेजी नहीं आ सकती है जब तक कि उपभोक्ताओं के हाथों में पैसे वापस न आ जाएं। न तो औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) और न ही खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) में कोई बढ़ोतरी दिख रही है।’
यहां तक कि बाजार शोधकर्ता नील्सन ने भी इस महीने की शुरुआत में कहा था कि एफएमसीजी क्षेत्र में महामारी और लॉकडाउन के कारण 2020 में वृद्धि सपाट ही रहने की उम्मीद है। इस क्षेत्र के लिए इसके वार्षिक वृद्धि पूर्वानुमान का दूसरा संशोधन है।

First Published - August 16, 2020 | 11:14 PM IST

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