मनोरंजन की बहती गंगा में हाथ धोने और कमाई करने के लिए टेलीविजन चैनल भी तरह-तरह की खिचड़ी पका रहे हैं।
लेकिन उनकी तमाम तिकड़मों पर अब भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने सख्त रवैया अपनाना शुरू कर दिया है। सेट मैक्स, डिस्कवरी और एएक्सएन जैसे कई चैनलों ने खुद को अलग श्रेणी में बताकर ज्यादा कमाई करने की कोशिश की, लेकिन ट्राई ने चाबुक लहरा दी।
इन चैनलों ने इसी आधार पर केबल ऑपरेटरों से अधिक किराया वसूलना शुरू किया, तो ट्राई खफा हो गया। उसने दोनों चैनलों के खिलाफ निर्देश जारी कर दिया है। ट्राई ने इन चैनलों को अपनी सही श्रेणी बताने और सात दिन के अंदर केबल दरों में संशोधन लाने का फरमान जारी किया है।
ट्राई ने सभी पे चैनलों के मूल्य निर्धारण के लिए एक फॉर्मूला तैयार किया है। ट्राई के मुताबिक सेट मैक्स, डिस्कवरी, एएक्सएन, एमटीवी और एनडीटीवी 24 एक्स 7 जैसे पे चैनलों ने इस फॉर्मूला पर अपनी सहमति नहीं जताई है और वे स्वयं को आम मनोरंजन, फिल्मी और अंग्रेजी इन्फोटेनमेंट चैनल बता रहे हैं। नई फेहरिस्त में खुद को शुमार कर ये चैनल चालाकी के साथ केबल ऑपरेटरों से अधिक पैसा भी वसूल रहे हैं। ये चैनल एमएसएम डिस्कवरी प्राइवेट लिमिटेड की ओर से वितरित किए जाते हैं।
सेट मैक्स और डिस्कवरी दोनों चैनलों ने जनरल इंटरटेनमेंट चैनलों की श्रेणी की कीमत के साथ 20 रुपये प्रति इनलाइन की दर तय की है जबकि ट्राई के फॉर्मूले में कहा गया है कि मूवीज श्रेणी के तहत सेट मैक्स की यह दर 17 रुपये होनी चाहिए। ट्राई का कहना है कि डिस्कवरी चैनल की दर 15 रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए, क्योंकि यह इन्फोटेनमेंट श्रेणी के तहत आता है।
इसी तरह एएक्सएन ने मूवी श्रेणी की कीमत के साथ खुद अपनी दर 17 रुपये तय कर रखी है, लेकिन ट्राई का कहना है कि यह कीमत 14.50 रुपये होनी चाहिए, क्योंकि यह यह अंग्रेजी के सामान्य मनोरंजन की श्रेणी में आता है। ट्राई की ओर से 1 दिसंबर 2007 को तय की गई दरों पर अमल करते हुए एनडीटीवी 24 एक्स 7 और एमटीवी ने कीमतों में मामूली सुधार किया है।
केबल विशेषज्ञों का कहना है कि ट्राई के निर्देश के परिणामस्वरूप डायरेक्ट टु होम (डीटीएच) और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर इन चैनलों के सब्सक्रिप्शन राजस्व में 15-25 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है। यह निर्देश ट्राई के पूर्व एडवायजरी को ध्यान में रखकर दिया गया है जिसमें कहा गया था कि प्रसारकों को अपने सभी चैनल केबल ऑपरेटरों को उपलब्ध कराने होंगे।
ट्राई ने कहा है, ‘दिन में कुछ घंटों के लिए ही कुछ क्रिकेट कंटेंट दिखाने, और वह भी वर्ष में मात्र 8 से 10 सप्ताह की बेहद सीमित अवधि के लिए, से किसी चैनल को ‘मूवीज’ श्रेणी के बजाय ‘जनरल इंटरटेनमेंट (हिन्दी)’ के तहत वर्गीकृत नहीं किया जा सकता।’
डिस्कवरी चैनल के बारे में प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ट्राई का कहना है कि डिस्कवरी चैनल ‘नेशनल ज्योग्राफिक चैनल’, ‘एनिमल प्लेनेट’ और ‘हिस्ट्री’ के समान है जो ‘इन्फोटेनमेंट’ श्रेणी के तहत आते हैं और इसी वजह से इस चैनल को आम मनोरंजन की श्रेणी में शामिल किए जाने का आवेदन असंगत और अनुचित है।
…चैनलों की धांधली से खफा हुआ ट्राई
ज्यादा कमाई के फेर में चैनल पका रहे हैं खिचड़ी
मनोरंजन चैनल वसूलते हैं केबल ऑपरेटरों से सबसे ज्यादा किराया
इस किराये पर टपक रही है दूसरे चैनलों की भी लार
सेट मैक्स मूवीज और डिस्कवरी इन्फोटेनमेंट चैनल, लेकिन खुद को बता दिया मनोरंजन चैनल