लिस्टेड कंपनियों के शेयरधारकों के लिए मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने एक बड़ा फैसला लिया है। सेबी ने शेयरधारकों को सशक्त बनाने के लिए कंसल्टेशन पेपर जारी किया है, जिसमें कहा गया हे कि बाइंडिंग एग्रीमेंट पर शेयरधारकों की मंजूरी जरूर होगी।
कंसल्टेशन पेपर के मुताबिक, 1 अप्रैल से बाइंडिंग एग्रीमेंट का डिस्कलोजर जरूरी होगा। SEBI ने प्रस्तावों पर 6 मार्च तक जनता की राय भी मांगी है।
प्रमोटर्स को लिस्टेड कंपनी को बाइंडिंग एग्रीमेंट की जानकारी देनी होगी। 31 मई तक प्रमोटर्स लिस्टेड कंपनी को एग्रीमेंट की सूचना देंगे।
एग्रीमेंट को लेकर बोर्ड अपनी राय देगा। अगर शेयरहोल्डर्स मंजूरी नहीं देंगे तो बांइडिंग एग्रीमेंट बेअसर रहेगा।
बता दें कि एग्रीमेंट को मंजूरी स्पेशल रिजोल्यूशन, मेजॉरिटी ऑफ माइनॉरिटी वोटिंग के जरिए दी जाएगी। वहीं, मौजूदा बाइंडिंग एग्रीमेंट का डिस्क्लोजर 30 जून तक देना होगा। इसके अलावा, मौजूदा बाइंडिंग एग्रीमेंट पर FY23-24 की पहली AGM में मंजूरी होना अनिवार्य होगा।
कंसल्टेशन पेपर के अनुसार, कुछ शेयरधारकों को दिए गए स्पेशल राइट्स भी परमानेंट नहीं होंगे। इसके साथ ही हर 5 साल बाद उस पर शेयरधारकों की मंजूरी होना जरूरी होगा। वहीं, मौजूदा स्पेशल राइट्स पर भी 5 साल में मंजूरी लेनी जरूरी होगा।
संपत्तियों की सेल पर भी शेयरहोल्डर्स लगाएंगे मुहर
सेबी के अनुसार, संपत्तियों की बिक्री के कुछ मामलों पर कड़ी शर्तें लागू होंगी। बता दें कि कंपनी, सब्सिडियरी या हिस्से पर शर्तें लागू होंगी। ऑफिशियल अपडेट के मुताबिक, ये शर्त स्पेशल रिजोल्यूशन की शर्त के अलावा होगी।
इसके अलावा, बोर्ड के किसी भी सदस्य की परमानेंट सीट नही होगी। बोर्ड के सभी डायरेक्टर्स का सिलेक्शन शेयरहोल्डर की वोटिंग से किया जाएगा। 1 अप्रैल के बाद आने वाले AGM में शेयरहोल्डर की मंजूरी होना जरूरी होगा। बता दें कि केवल उन्हें ही छूट मिलेगी जो ट्रिब्यूनल से नियुक्त हुए होंगे।