टाटा समूह की विमानन कंपनियों की घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय परिचालन की एकीकृत सीट क्षमता में 20 फीसदी की शानदार वृद्धि दर्ज की गई है। एयर इंडिया को नियंत्रित करने वाले समूह द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, कुल सीट क्षमता वर्ष 2023 में करीब 6.40 करोड़ थी जो बढ़कर चालू वर्ष में करीब 7.67 करोड़ हो चुकी है। हाल में विस्तारा का एयर इंडिया में विलय हुआ है। टाटा समूह एयर इंडिया एक्सप्रेस का भी परिचालन करता है जिसमें एयर एशिया इंडिया का विलय हुआ था।
टाटा समूह के आंकड़ों के अनुसार, घरेलू यात्री सेवा के तहत सीट क्षमता पिछले साल करीब 4.58 करोड़ सीटों की थी जो 19 फीसदी बढ़कर 2024 में 5.47 करोड़ सीटों तक पहुंच चुकी है। यह विमानन कंपनियों की कुल घरेलू सीट क्षमता का 28 फीसदी से अधिक है। पिछले साल यह सभी विमानन कंपनियों की कुल सीट क्षमता का 25 फीसदी रहा था।
अंतरराष्ट्रीय परिचालन में भी टाटा समूह की विमानन कंपनियों ने अपनी सीट क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए टाटा समूह की विमानन कंपनियों की सीट क्षमता 2023 में करीब 1.81 करोड़ सीटों की थी जो 21 फीसदी बढ़कर 2024 में 2.19 करोड़ सीटों की हो चुकी है।
मगर सच्चाई यह है कि घरेलू परिचालन की सीट क्षमता तेजी से बढ़ने के बावजूद टाटा समूह को बाजार में अपनी प्रमुख प्रतिस्पर्धी विमानन कंपनी इंडिगो की आधी सीट क्षमता तक पहुंचने में भी अभी लंबा सफर तय करना होगा। दुनिया के सबसे भरोसेमंद विमानन विश्लेषण फर्म सिरियम के अनुसार, टाटा समूह मजबूत ग्राहक आधार के बावजूद 11.9 करोड़ सीटों के साथ चालू वर्ष को अलविदा करेगा जो पिछले साल के मुकाबले 9 फीसदी अधिक है।
अच्छी खबर यह है कि शुरुआती समस्याओं के बावजूद टाटा समूह की प्रमुख विमानन कंपनी एयर इंडिया की सीट क्षमता में जबरदस्त वृद्धि हुई है। सिरियम के आंकड़ों के अनुसार, एयर इंडिया की सीट क्षमता इस साल 39 फीसदी से अधिक बढ़कर 2.35 करोड़ सीटों की हो गई। इसमें विस्तारा को शामिल नहीं किया गया है क्योंकि उसकी गणना अलग से की गई है।
जाहिर तौर पर इंडिगो, टाटा समूह की विमानन कंपनियों और अकासा की सीट क्षमता में शानदार वृद्धि हुई है। नई विमानन कंपनी आकासा ने अपनी सीट क्षमता में पिछले साल के मुकाबले 20 फीसदी से अधिक की वृद्धि दर्ज की है। इन विमानन कंपनियों की सीट क्षमता बढ़ने से घरेलू उड़ानों के लिए भारत की सीट क्षमता एक साल पहले के मुकाबले 6.84 फीसदी बढ़कर 19.35 करोड़ सीटों तक पहुंच चुकी है। इस तथ्य के बावजूद सीट क्षमता में शानदार वृद्धि हुई है कि गो फर्स्ट ने कोई उड़ान नहीं भरी और स्पाइसजेट एवं अलायंस एयर जैसी विमानन कंपनियों ने अपनी सीट क्षमता कम कर दी थी।
समान अवधि में उड़ानों की संख्या 5.4 फीसदी बढ़कर 11.3 लाख तक पहुंच गई। इसके अलावा सभी विमानन कंपनियों की कुल उपलब्ध सीट किलोमीटर में चालू कैलेंडर वर्ष के दौरान 7.33 फीसदी की वृद्धि हुई।