facebookmetapixel
Stocks To Watch Today: Swiggy, HAL, Patanjali Foods समेत इन 10 दिग्गज कंपनियों से तय होगा आज ट्रेडिंग का मूडजियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने सरकार से पूरे 6G स्पेक्ट्रम की नीलामी की मांग कीतेजी से बढ़ रहा दुर्लभ खनिज का उत्पादन, भारत ने पिछले साल करीब 40 टन नियोडिमियम का उत्पादन कियाअमेरिकी बाजार के मुकाबले भारतीय शेयर बाजार का प्रीमियम लगभग खत्म, FPI बिकवाली और AI बूम बने कारणशीतकालीन सत्र छोटा होने पर विपक्ष हमलावर, कांग्रेस ने कहा: सरकार के पास कोई ठोस एजेंडा नहीं बचाBihar Assembly Elections 2025: आपराधिक मामलों में चुनावी तस्वीर पिछली बार जैसीरीडेवलपमेंट से मुंबई की भीड़ समेटने की कोशिश, अगले 5 साल में बनेंगे 44,000 नए मकान, ₹1.3 लाख करोड़ का होगा बाजारRSS को व्यक्तियों के निकाय के रूप में मिली मान्यता, पंजीकरण पर कांग्रेस के सवाल बेबुनियाद: भागवतधर्मांतरण और यूसीसी पर उत्तराखंड ने दिखाई राह, अन्य राज्यों को भी अपनाना चाहिए यह मॉडल: PM मोदीधार्मिक नगरी में ‘डेस्टिनेशन वेडिंग’, सहालग बुकिंग जोरों पर; इवेंट मैनेजमेंट और कैटरर्स की चांदी

FMCG उद्योग की ग्रामीण खपत मार्च तिमाही में शहरी क्षेत्र से ज्यादा रही

मार्च तिमाही में घरेलू एफएमसीजी उद्योग का मूल्य 6.6 प्रतिशत बढ़ा है जिसका श्रेय अखिल भारतीय स्तर पर मात्रा में 6.5 प्रतिशत वृद्धि को जाता है।

Last Updated- May 07, 2024 | 4:12 PM IST
FMCG उद्योग की ग्रामीण खपत मार्च तिमाही में शहरी क्षेत्र से ज्यादा रही, FMCG industry sees 6.5% growth; rural demand surpasses urban: NielsenIQ

भारतीय एफएमसीजी (रोजमर्रा के उपभोग का सामान) उद्योग ने वर्ष 2024 की जनवरी-मार्च अवधि में राष्ट्रीय स्तर पर मात्रा के मामले में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। इसके साथ ही पांच तिमाहियों में पहली बार ग्रामीण खपत ने शहरी मांग को पीछे छोड़ दिया है।

नील्सनआईक्यू ने एक रिपोर्ट में यह आकलन पेश किया है। उपभोक्ताओं से जुड़ी सूचनाएं मुहैया कराने वाली फर्म नील्सनआईक्यू (एनआईक्यू) ने दैनिक उपभोग वाले उत्पादों (एफएमसीजी) पर जारी तिमाही रिपोर्ट में कहा है कि खाद्य एवं गैर-खाद्य दोनों क्षेत्रों ने खपत बढ़ाने में योगदान दिया, लेकिन भोजन की तुलना में गैर-खाद्य श्रेणी में वृद्धि लगभग दोगुनी रही।

मार्च तिमाही में घरेलू एफएमसीजी उद्योग का मूल्य 6.6 प्रतिशत बढ़ा है जिसका श्रेय अखिल भारतीय स्तर पर मात्रा में 6.5 प्रतिशत वृद्धि को जाता है। मात्रात्मक वृद्धि एक साल पहले की समान तिमाही में 3.1 प्रतिशत रही थी।

एनआईक्यू के उपभोक्ता खंड के प्रमुख रूजवेल्ट डिसूजा ने कहा, ‘‘एफएमसीजी उद्योग की वृद्धि जनवरी-मार्च तिमाही में खपत रुझानों से प्रेरित रही है, जिसमें पांच तिमाहियों में पहली बार ग्रामीण क्षेत्रों ने शहरी वृद्धि को पीछे छोड़ दिया है।’’

Also read: Paytm का UPI लेनदेन वॉल्यूम लगातार तीसरे महीने गिरा, मार्केट शेयर भी घटा

डिसूजा ने कहा कि खासकर घरेलू एवं व्यक्तिगत देखभाल (एचपीसी) श्रेणियों ने खाद्य श्रेणियों से बेहतर प्रदर्शन किया है। खाद्य श्रेणियों में अधिक इकाइयों की बिक्री हुई है जबकि एचपीसी श्रेणी में वृद्धि काफी हद तक बड़े आकार वाले पैक की लोकप्रियता की वजह से दर्ज हुई है। एनआईक्यू ने कहा कि शहरी और आधुनिक कारोबार में खपत मंद पड़ी है जबकि ग्रामीण और पारंपरिक कारोबार में तेजी बनी हुई है।

एनआईक्यू ने कहा, ‘‘ग्रामीण मांग वृद्धि ने धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ी है और शहरी क्षेत्र को पीछे छोड़ दिया है। शहरी उपभोक्ता मांग में क्रमिक गिरावट देखी जा रही है।’’

रिपोर्ट कहती है कि अखिल भारतीय स्तर पर खाद्य एवं गैर-खाद्य दोनों क्षेत्रों ने उपभोग वृद्धि में योगदान दिया, लेकिन भोजन की तुलना में गैर-खाद्य में लगभग दोगुनी वृद्धि देखी गई। एनआईक्यू ने कहा कि एफएमसीजी उद्योग में छोटी कंपनियों की तुलना में बड़ी कंपनियों का प्रदर्शन बेहतर है। हालांकि, बीती दो तिमाहियों में बड़ी कंपनियों की तुलना में छोटी कंपनियों ने गैर-खाद्य श्रेणियों में उच्च मात्रा वृद्धि दर देखी है।

First Published - May 7, 2024 | 4:12 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट