देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries stock price) का शेयर सोमवार को 13 महीने के उच्चस्तर पर पहुंच गया क्योंकि कंपनी ने अपनी वित्तीय सेवा इकाई को सूचीबद्ध कराने की योजना का अनावरण किया और ऐलान किया कि उसका खुदरा डिविजन शेयरों की पुनर्खरीद करेगा।
आरआईएल का शेयर 31 मार्च के बाद सबसे ज्यादा चढ़ा और 3.8 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 2,735 रुपये पर बंद हुआ। कंपनी का बाजार पूंजीकरण एक बार फिर 18.5 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। बंद आधार पर आरआईएल का अब तक का सर्वोच्च स्तर 29 अप्रैल 2022 को देखा गया था और तब यह 2,856.2 रुपये पर पहुंचा था।
शनिवार को आरआईएल ने रिलायंस स्ट्रैटिजिक इन्वेस्टमेंट्स (RSIL) का शेयर पाने के पात्र शेयरधारक तय करने के लिए 20 जुलाई की रिकॉर्ड तारीख तय की, जिसका बाद में नामकरण जियो फाइनैंशियल सर्विसेज किया जाएगा।
आरआईएल के हर शेयरधारक को तय तारीख पर आरएसआईएल का एक शेयर मिलेगा
कारोबार अलग करने और अपनी वित्तीय सेवा इकाई को अलग से सूचीबद्ध कराने के कदम से मुकेश अंबानी की अगुआई वाली फर्म की वैल्यू अनलॉक होने की उम्मीद है। कारोबार अलग करने की योजना के तहत आरआईएल के हर शेयरधारक को तय तारीख पर आरएसआईएल का एक शेयर मिलेगा।
विश्लेषकों ने कहा कि जियो फाइनैंशियल सर्विसेज को भी आरआईएल की तरह एएए रेटिंग मिलेगी, जिसका मतलब यह हुआ कि उसकी उधारी लागत एनबीएफसी में सबसे कम रह सकती है। जियो फाइनैंशियल 18,049 रिलायंस स्टोर का फायदा उठा सकेगी, जहां सालाना 78 करोड़ लोग आते हैं और उनके सबस्क्राइबर का आधार 44 करोड़ है।
जियो फाइनैंशियल के पास आरआईएल की 6.1 फीसदी हिस्सेदारी है, जिसकी कीमत 1.13 लाख करोड़ रुपये है और यह जियो फाइनैंशियल के नेटवर्थ के 90 फीसदी का प्रतिनिधित्व करता है। उधारी कारोबार के अलावा जियो फाइनैंशियल में बीमा, एएमसी और संपत्ति प्रबंधन कारोबार व पेमेंट्स बैंक भी होगा।
इक्विनॉमिक्स के संस्थापक जी. चोकालिंगम ने कहा, हम आरआईएल की विभिन्न इकाइयों से और कारोबार अलग होता देखेंगे। वृद्धि और विभिन्न इकाइयों की अनलॉकिंग की संभावना के आधार पर हम उम्मीद करते हैं कि अगले चार साल में आरआईएल के शेयर की कीमत 5,000 रुपये होगी, अगर अर्थव्यवस्था पर किसी तरह का बाहरी संकट न आए।