रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) एक्ट (RERA) रियल एस्टेट के उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है। इसके लागू होने के 5 साल के दौरान RERA एक लाख से अधिक उपभोक्ताओं के विवाद सुलझाने में कामयाब रहा है। RERA 27 राज्य और 8 संघ शासित राज्यों में लागू हो चुका है। इसके तहत करीब एक लाख परियोजनाएं और 71,514 एजेंट पंजीकृत हैं।
सबसे ज्यादा यूपी में सुलझे विवाद
रियल एस्टेट रिसर्च फर्म JLL India के रिसर्च हेड डॉ सामंतक दास ने बताया कि RERA अधूरी परियोजनाओं, परियोजनाओं में देरी और घर खरीदने के एकतरफा समझौते आदि उपभोक्ताओं की शिकायतों के निवारण में एक महत्वपूर्ण स्तंभ साबित हुआ है।
इसके लागू होने के 5 साल के दौरान RERA ने जनवरी 2023 तक 1,06,428 विवादों का निपटारा किया है। इनमें सबसे ज्यादा 40 फीसदी विवाद यूपी में निपटाए गए है। इसके बाद 19 फीसदी हरियाणा की, 13 फीसदी महाराष्ट्र की, 5 फीसदी मध्य प्रदेश की, 4 फीसदी कर्नाटक की और बाकी 19 फीसदी हिस्सेदारी अन्य राज्यों की है।
जाहिर है कुल निपटाए गए विवादों में 81 फीसदी हिस्सेदारी 5 राज्यों की है। वर्ष 2019 से विवाद अब तक विवाद निपटाने की संख्या 5.7 गुना बढी है। जून 2019 तक 18,543 विवाद निपटे थे, जबकि जनवरी 2023 तक 1,06428 विवाद निपट चुके हैं।
सबसे ज्यादा परियोजनाएं व एजेंट महाराष्ट्र में पंजीकृत
RERA के तहत 99,262 परियोजनाएं पंजीकृत हैं। इनमें सबसे ज्यादा 39 फीसदी हिस्सेदारी महाराष्ट्र की है। इसके बाद 13 फीसदी तमिलनाडु, 11 फीसदी गुजरात,7 फीसदी कर्नाटक और 5 फीसदी हिस्सेदारी तेलंगाना की है।
एजेंटों के पंजीयन के मामले में भी 79 फीसदी हिस्सेदारी के साथ महाराष्ट्र अव्वल है। 8 फीसदी के साथ यूपी दूसरे नंबर है। वर्ष 2019 से 2022 के बीच 56 फीसदी परियोजनाएं पंजीकृत हुई हैं। वर्ष 2019—23 के दौरान डीलर पंजीयन की compound annual growth rate (CAGR) 21 फीसदी रही। जनवरी 2019 तक पंजीकृत 33,270 एजेंट की संख्या जनवरी 2023 तक बढ़कर 71,514 हो गई।