RIL Q2 Results: तेल से लेकर रसायन कारोबार में दखल रखने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) का चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-अक्टूबर) में कुल शुद्ध मुनाफा पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 4.8 फीसदी घटकर 16,563 करोड़ रुपये रहा।
तेल और पेट्रोरसायन कारोबार में नरमी के कारण यह लगातार तीसरी तिमाही है जब कंपनी के शुद्ध मुनाफे में गिरावट आई है। मुनाफे के मामले में आरआईएल बाजार के अनुमान पर खरी नहीं उतरी।
आरआईएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा कि रिलांयस की नई ऊर्जा गीगा फैक्टरी का निर्माण सही दिशा में चल रहा है और सोलर पीवी मॉड्यूल का उत्पादन साल के अंत तक होने लगेगा।
तिमाही नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए अंबानी ने कहा, ‘जुलाई-सितंबर तिमाही में भी रिलायंस ने अपने विविध कारोबार पोर्टफोलियो में मजबूती दिखाई है। डिजिटल सेवाओं में अच्छी वृद्धि देखी गई। इससे ओ2सी कारोबार में नरमी की आंशिक भरपाई करने में मदद मिली।’
ब्लूमबर्ग के सर्वेक्षण में 13 विश्लेषकों ने अनुमान लगाया था कि आरआईएल की आय 2.34 लाख करोड़ रुपये रहेगी जबकि चार विश्लेषकों का अनुमान था कि कंपनी का शुद्ध मुनाफा 18,814 करोड़ रुपये रह सकता है।
वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में आरआईएल की आय 2.31 लाख करोड़ रुपये रही, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि से कम है। ओ2सी कारोबार में उच्च वॉल्यूम के कारण आय बढ़ी है मगर रिटेल परिचालन की आय 3.5 फीसदी घटी है। तेल एवं गैस सेगमेंट की आय में भी 6 फीसदी की कमी आई है। ओ2सी कारोबार का एबिटा मार्जिन 300 आधार अंक घटा है।
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही की तुलना में दूसरी तिमाही में शुद्ध मुनाफा 9.4 फीसदी बढ़ा है मगर आय सपाट रही।
रिलायंस इंडस्ट्रीज की दूरसंचार इकाई जियो प्लेटफॉर्म्स का शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में 23.4 फीसदी बढ़कर 6,539 करोड़ रुपये रहा। जुलाई की शुरुआत में मोबाइल शुल्क दरों में इजाफा किए जाने से कंपनी का मुनाफा बढ़ा है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में जुलाई-सितंबर तिमाही में जियो की प्रति ग्राहक औसत आय 7.4 फीसदी बढ़कर 191.5 रुपये रही। इस दौरान कंपनी की आय 18 फीसदी बढ़कर 31,709 करोड़ रुपये रही।
रिलायंस रिटेल का शुद्ध मुनाफा चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 5.2 फीसदी बढ़कर 2,935 करोड़ रुपये रहा। देश के सबसे बड़े रिटेलर की परिचालन आय 3.5 फीसदी घटकर 66,502 करोड़ रुपये रही। फैशन और लाइफस्टाइल सेगमेंट के कमजोर प्रदर्शन से कंपनी की आय प्रभावित हुई है। डिजिटल कॉमर्स और न्यू कॉमर्स की रिलायंस रिटेल की कुल आय में 17 फीसदी हिस्सेदारी रही।