रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) ने शनिवार को स्टॉक एक्सचेंज को दी जानकारी में अपने शेयरधारकों को सूचित किया कि वह फ्यूचर समूह के साथ अपने सौदे पर अब आगे नहीं बढ़ेगी। फ्यूचर समूह के ऋणदाताओं ने कंपनी के विलय की योजना के खिलाफ वोटिंग की, जिस वजह से आरआईएल को इस योजना से पीछे हटना पड़ा है।
इस घटनाक्रम से अवगत एक अधिकार ने कहा किमौजूदा समय में, किशोर बियाणी के नेतृत्व वाले समूह के लिए सिर्फ एकमात्र विकल्प पैसा जुटाने के लिए हरेक व्यवसाय को अलग अलग बेचना ही रह गया है।
फ्यूचर रिटेल और फ्यूचर एंटरप्राइजेज पर बड़ा कर्ज है और ऋणदाताओं ने फ्यूचर रिटेल के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी है। रिटेल के अलावा इस सौदे में शामिल अन्य व्यवसायों में भंडारण, लॉजिस्टिक और होलसेल हैं। दूसरी तरफ, रिलायंस रिटेल पहले ही सुर्खियों में है, क्योंकि उसने पट्टा स्वयं को स्थानांतरित कर फ्यूचर समूह के 947 स्टोरों पर कब्जा कर लिया है। इन 947 स्टोरों को रीब्रांडेड किया जा रहा है।
इस बीच, फ्यूचर समूह की कंपनियों के लिए ऋणदाता कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रहे हैं, जिनमें समूह इकाइयों के समाधान एवं उनके हित सुरक्षित करने के लिए राष्ट्रीय कंपनी विधि पंचाट (एनसीएलटी) की शरण में जाना भी शामिल है। इससे पता चलता है कि फ्यूचर एंटरप्राइजेज चूक को रोकने में विफल रहा और मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ सौदा टूट गया।
ऋणदाता फ्यूचर रिटेल को पिछले सप्ताह दिवालिया अदालत एनसीएलटी में पहले ही ले जा चुके हैं। बैंकों के कंसोर्टियम सार्वजनिक क्षेत्र के ऋणदाता बैंक ऑफ इंडिया द्वारा दायर आवेदन को स्वीकार करने पर विचार किया जा रहा है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कहना है कि इस समूह की प्रत्येक इकाई का भाग्य एक-दूसरी से जुड़ा हुआ है। जब से फ्यूचर कूपंस के साथ 2019 में सौदा हुआ, तब से एमेजॉन ने कई अदालतों में फ्यूचर समूह के खिलाफ यह मामला लड़ा है। हालांकि अब रिलायंस द्वारा सौदे से बाहर होने की वजह से स्थिति में नया मोड़ आ गया है और इस मामले से अवगत लोगों का कहना है कि एमेजॉन फ्यूचर और रिलायंस के बीच सौदे से संबंधित कानूनी लड़ाई बरकरार रख सकती है।
एमेजॉन की रणनीति से वाकिफ एक व्यक्ति ने कहा, ‘एमेजॉन की कानूनी टीम इस योजना को रद्द किए जाने से संबंधित रिलायंस के कदम के खिलाफ गहनता से विचार-विमर्श कर रही है। यदि ऋणदाता और फ्यूचर रिटेल दिवालिया प्रक्रिया का विकल्प अपनाते हैं तो एमेजॉन कुछ नहीं कर पाएगी। एमेजॉन का अगला कदम ऋणदाताओं और फ्यूचर रिटेल की रणनीति पर निर्भर करेगा।’