मूल्यांकन के हिसाब से देश की सबसे बड़ी कंपनी Reliance Industries ने मुख्य कंपनी से अपनी फाइनेंशियल सर्विस इकाई को अलग कर दिया है। कंपनी ने सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड क्रेडिटर्स के साथ-साथ शेयरहोल्डर्स ने डीमर्जर (demerger) के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है।
डीमर्जर के पख में लगभग 100 प्रतिशत वोट पड़े। इन मंजूरियों के बाद इकाई का नाम बदलकर Jio Financial Services कर दिया जाएगा।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अक्टूबर 2022 में फाइनेंशियल ईयर इकाई के डीमर्जर को मंजूरी दी थी। दिग्गज बैंकर केवी कामथ डीमर्ज की गई इकाई के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष होंगे।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरधारकों को मूल कंपनी में रखे गए प्रत्येक एक शेयर के लिए डिमर्ज की गई इकाई का एक हिस्सा प्राप्त होगा।
Jio Financial Services कंस्यूमर्स और कारोबारियों को कर्ज देने के लिए पर्याप्त नियामक पूंजी लाने को लेकर Reliance Industries की वित्तीय सेवा शाखा की तरल संपत्ति (ट्रेजरी शेयरों सहित) का अधिग्रहण करेगी।
डिमर्जर के बाद, Jio Financial Services के शेयर BSE और NSE दोनों पर सूचीबद्ध होंगे। रिलायंस की फाइनेंशियल सर्विस इकाई ने वित्त वर्ष 2022-23 में 1,535.6 करोड़ रुपये का संयुक्त रेवेन्यू दर्ज किया था।
ब्रोकरेज फर्म मैक्वेरी के अनुसार, Jio Financial Services का वैल्यूएशन 1.52 लाख करोड़ रुपये से अधिक होगा और यह भारत की पांचवीं सबसे बड़ी फाइनेंशियल सर्विस कंपनी बन जाएगी।