रिलायंस इंडस्ट्रीज की मनोरंजन इकाई वायकॉम18 और और वॉल्ट डिज्नी के भारतीय मीडिया कारोबार के विलय को भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (सीसीआई) से हरी झंडी मिल गई है। सीसीआई ने आज सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि दोनों इकाइयों के बीच 8.5 अरब डॉलर के सौदे को मंजूरी दे दी गई है।
सीसीआई ने कहा, ‘प्रस्तावित विलय में रिलायंस इंडस्ट्रीज, वायकॉम18 मीडिया, डिजिटल18 मीडिया, स्टार इंडिया और स्टार टेलिविजन प्रोडक्शन्स शामिल हैं। हालांकि, इन इकाइयों को कुछ स्वैच्छिक शर्तों का अनुपालन करना होगा।‘सीसीआई ने इन दोनों कंपनियों के बीच वास्तविक सौदे में किसी स्वैच्छिक बदलाव का जिक्र नहीं किया है। रिलायंस की वायकॉम18 ने कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है और डिज्नी इंडिया ने भी इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
विलय के इस प्रस्ताव को ऐसे समय में मंजूरी मिली है जब ठीक एक दिन पहले ज़ी एंटरटेनमेंट और सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया अपने बीच 10 अरब डॉलर के विफल सौदे पर सभी विवादों का समाधान करने पर सहमत हो गए थे। इस वर्ष फरवरी में रिलायंस इंडस्ट्रीज की वायकॉम18 मीडिया और डिज्नी इंडिया की स्टार इंडिया ने अपने मीडिया कारोबार के विलय की घोषणा की थी।
इस विलय के बाद बनने वाली नई इकाई मनोरंजन खंड की सबसे बड़ी कंपनी बन जाएगी, जिसके पास 120 चैनल होंगे। विलय की घोषणा के बाद फरवरी में एमके के विश्लेषकों की तरफ से जारी रिपोर्ट में कहा गया कि नई इकाई की मनोरंजन उद्योग में 40-45 प्रतिशत हिस्से में दखल हो जाएग। विलय समझौते के अनुसार रिलायंस इंड्स्ट्रीज लेन-देन के तहत 1.4 अरब डॉलर निवेश करेगी।
यह नई इकाई सोनी, नेटफ्लिक्स, एमेजॉन और ज़ी को टक्कर देगी। इस विलय के जरिये स्टार इंडिया एक संयुक्त उद्यम होगा, जिसमें रिलायंस वायकॉम18 और डिज्नी का साझा नियंत्रण होगा। इस सौदे की शर्त के तहत एक न्यायालय मंजूर योजना के माध्यम से वायकॉम 18 का मीडिया परिचालन का स्टार इंडिया के साथ विलय हो जाएगा।
संयुक्त इकाई में रिलायंस और इसकी सहायक इकाइयों (वायकॉम18) की 63.16 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी, जिसमें दो स्ट्रीमिंग सेवाएं भी होंगी। वॉल्ट डिज्नी के पास बाकी बची 36.84 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। संयुक्त उद्यम के पास भारत में डिज्नी के फिल्म एवं प्रोडक्शन के वितरण का अधिकार भी रहेगा। एमके के विश्लेषकों की रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त उद्यम के पास डिज्नी की 30,000 से अधिक सामग्री का लाइसेंस होगा।
पूर्व में सीसीआई ने इस विलय को लेकर आगाह किया था। सीसीआई ने इस बात की आशंका जताई थी कि नई इकाई का क्रिकेट प्रसारण अधिकारों पर अत्यधिक नियंत्रण हो जाएगा, जिससे विज्ञापनदाताओं पर बेजा असर होगा। सीसीआई ने दोनों कंपनियों से विलय के संबंध में लगभग 100 सवाल भी पूछे थे। रिलायंस और डिज्नी ने अपनी तरफ से कुछ क्षेत्रीय चैनल बेचने और विज्ञापन दरें दो साल तक स्थिर रखने जैसे वादे किए थे।