दिल्ली-एनसीआर, मुंबई और बेंगलूरु जैसे महानगरों में छोटे बाजार शहर के नक्शे को नए सिरे से गढ़ रहे हैं। राजमार्गों, मेट्रो रेल परियोजनाओं और हवाई अड्डों के आसपास के इलाकों में जमीन लेने की होड़ मची हुई है। इस तीन भागों वाली श्रृंखला का यह पहला भाग दिल्ली-एनसीआर के एसपीआर, सोहना, द्वारका एक्सप्रेसवे और जेवर हवाई अड्डे पर केंद्रित है, जो एसपीआर और सोहना के जरिये एनसीआर के विकास को फर्राटा दे रहा है।
शुक्रवार की एक तपती दोपहर में राष्ट्रीय राजधानी से कुछ 50 किलोमीटर दूर हरियाणा के सोहना में एक निर्माणाधीन चार मंजिला इमारत के पास हलचल सी है। करीब 30 मजदूर तय मियाद के भीतर नींव रखने में जुटे हैं। यह इमारत सिग्नेचर ग्लोबल द्वारा 125 एकड़ में बनाई जा रही एकीकृत टाउनशिप डैक्सिन विस्टाज का हिस्सा है और इसके 2028 तक पूरा होने की उम्मीद है।
इस परियोजना में एक प्लॉटेड डेवलपमेंट मॉडल के तहत 2,408 आवासीय मकान, परिसर के भीतर ही मॉल और औद्योगिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं के लिए कार्यालय स्थल बनाए जाएंगे। फिलहाल, यह परियोजना पूरे इलाके में अकेली है। मगर अगले तीन से चार वर्षों में यहां चारों तरफ स्टील और कांच के टावर बने मिलेंगे।
भारत के महानगरों के सूक्ष्म बाजारों में नए राजमार्गों, हवाई अड्डों और मेट्रो लाइनों से घिरे सघन और तेजी से विकसित हो रहे क्षेत्र रियल एस्टेट के नक्शे को नया रूप दे रहे हैं।
दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), मुंबई और बेंगलूरु के आसपास के क्षेत्रों में तेजी से बुनियादी ढांचे का निर्माण, बढ़ती कीमतें और डेवलपर्स, निवेशकों और अंतिम उपयोगकर्ताओं द्वारा शुरुआत में ही स्थान ले लेने की होड़ देखी जा रही है।
दिल्ली एनसीआर में सदर्न पेरिफेरल रोड (एसपीआर), द्वारका एक्सप्रेसवे और सोहना जैसे तीन क्लस्टर में आवासीय मांग काफी बढ़ गई है, जबकि जेवर हवाई अड्डे के पास यमुना एक्सप्रेसवे भी रियल एस्टेट का नया गढ़ बन रहा है।
इस बदलाव का नेतृत्व 16 किलोमीटर लंबी एसपीआर कर रही है, जो गुरुग्राम के सेक्टर 68 से होकर सेक्टर 76 तक जाती है। यह गोल्फ कोर्स रोड, सोहना रोड और दिल्ली-जयपुर के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग 48 को जोड़ती है।
एसपीआर में 23 परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं और यहां 2029 तक 11,900 आवासीय इकाइयां बनने की उम्मीद है। इनमें सेक्टर 69 में ट्रंप टावर्स लेकर सेक्टर 71 में सिग्नेचर ग्लोबल का क्लोवरडेल और टाइटेनियम एसपीआर के साथ-साथ सेक्टर 76 और 77 में डीएलएफ प्रिवाना की तीन परियोजनाएं और सेक्टर 77 में व्हाइटलैंड की एस्पेन शामिल हैं।
सिग्नेचर ग्लोबल के संस्थापक और चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा, ‘इस वृद्धि को बेहतर बुनियादी ढांचे और कॉरपोरेट केंद्रों के पास होने और उपयोगकर्ताओं एवं निवेशकों दोनों द्वारा देखी जा रही दमदार दीर्घकालिक संभावनाओं से बल मिल रहा है।’
प्रॉपइक्विटी के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में पिछले साल 2024 में 1.5 लाख करोड़ रुपये के मकानों की बिक्री हुई थी। सिर्फ गुरुग्राम में ही 1 लाख करोड़ रुपये के मकान बिके थे। व्हाइटलैंड कॉरपोरेशन के निदेशक (रणनीति) सुदीप भट्ट ने कहा, ‘इसका आकर्षण अग्रणी स्कूल, स्वास्थ्य सेवा और मनोरंजन के विकल्प वाले लक्जरी आवाय परियोजनाएं बढ़ने और मजबूत सामाजिक बुनियादी ढांचे से बढ़ रहा है।’
स्कूलों, अस्पतालों और मनोरंजन के विकल्पों के सहयोग से, यहां लक्जरी मकानों ने अपनी जगह बनाई है। परियोजनाओं में ऊंची-ऊंची इमारतें, पेंटहाउस, बड़े और विशाल अपार्टमेंट तथा गेटेड विला समुदाय शामिल हैं। इनमें से कई पेशकश के हफ्तेभर के भीतर ही बिक जाते हैं।
डेवलपर्स का कहना है कि आमतौर पर नई एसपीआर परियोजनाएं करीब 17 से 25 हजार रपये प्रति वर्ग फुट की रेंज में आती हैं, जो ब्रांडेड आवासों द्वारा संचालित होती हैं। इस क्षेत्र में अमेरिकन एक्सप्रेस और एयर इंडिया के प्रशिक्षण केंद्र जैसे प्रमुख कॉर्पोरेट कार्यालय भी हैं, साथ ही 18 वाणिज्यिक परियोजनाएं भी हैं, जिनमें करीब 75,000 लोग कार्यरत हैं।
एसपीआर की शुरुआत एक निवेशक-प्रधान बाजार के रूप में हुई थी, लेकिन बेहतर जीवन-यापन ने परिवारों, पेशेवरों, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों और प्रवासी भारतीयों को दीर्घकालिक विकल्पों की तलाश में आकर्षित किया है।
द्वारका एक्सप्रेस वे भी अब अंतिम उपयोगकर्ता केंद्रित बाजार के तौर पर उभरा है। 2024 में इसके उद्घाटन से यहां संपत्ति की कीमतों में अचानक तेजी आई है। 27.6 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेस वे दिल्ली को सीधे इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा से जोड़ता है, जिससे यह आवासीय और व्यावसायिक परियोजनाओं के लिए आकर्षण का केंद्र भी बन गया है। यह एक्सप्रेसवे 37डी, 103,105, 106 और 113 जैसे प्रमुख सेक्टर से होकर गुजरता है और यहां की कीमतों पांच वर्षों में दोगुनी हो गई हैं। 2020 में यह 9,434 रुपये प्रति वर्ग फुट से बढ़कर 2025 में 18,668 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई है।
एसपीआर के विपरीत, द्वारका एक्सप्रेस वे खंड मझोले और लक्जरी दोनों ही क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करता है। मगर सड़क के दोनों छोड़ कीमतों में भारी अंतर हो सकता है।
सेक्टर 106, 112 और 113 में प्रीमियम और लक्जरी परियोजनाओं की कीमत 24 से 25 हजार रुपये प्रति वर्गफुट तक हैं। इनमें गोदरेज, क्रिसुमी और वेस्टिन रेजिडेंसेज की परियोजनाएं शामिल हैं, जिन्हें सेक्टर 103 में बनाया जाना है।
गुरुग्राम के पास मध्यम श्रेणी की कीमतें 10,000 रुपये प्रति वर्ग फुट सेअधिक हैं। सीबीआरई के शोध प्रमुख (भारत, पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका) अभिनव जोशी ने कहा, ‘हाल के महीनों में इस तरफ हुईं अधिकतर पेशकश की दरें करीब 15 से 20 हजार रुपये प्रति वर्गफुट तक उछल गई हैं।’
प्रॉपइक्विटी की परियोजनाओं में 18,000 से अधिक मकान पेश किए जाएंगे और साल 2030 तक 15,500 मकानों को शामिल किया जाएगा, जो निरंतर मांग को दर्शाता है।
सोहना का इतना लोकप्रिय होना छह लेन वाले गुरुग्राम-सोहना एलिवेटेड रोड से जुड़ा है, जिसने दक्षिण गुरुग्राम तक यात्रा के समय को कम कर दिया है। दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे का सोहना-दौसा खंड इस क्षेत्र को जयपुर, अहमदाबाद और मुंबई से जोड़ता है।
कभी राज्य की दीन दयाल जन आवास योजना द्वारा समर्थित किफायती आवास के लिए प्रख्यात सोहना अब मध्यम और उच्च-मध्यम श्रेणी की वृद्धि की ओर बढ़ रहा है। एनारॉक के उपाध्यक्ष संतोष कुमार के अनुसार, 2022 और 2025 के मध्य के बीच औसत आवासीय कीमतें 49 प्रतिशत बढ़कर 4,700 से 6,700 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गईं।
अग्रवाल ने कहा, ‘भोंडसी से गुरुग्राम रेलवे स्टेशन तक प्रस्तावित मेट्रो लाइन से अंतिम मील कनेक्टिविटी में सुधार और सड़क परिवहन पर निर्भरता कम होने की उम्मीद है, जिससे एक आशाजनक रियल एस्टेट गंतव्य के रूप में सोहना की अपील और बढ़ेगी।’ सिग्नेचर ग्लोबल यहां परियोजनाएं पेश करने में सबसे आगे हैं। उसके बाद गंगा रियल्टी, सेंट्रल पार्क ग्रुप, एमवीएन इन्फ्रास्ट्रक्चर, सिल्वरग्लेड्स और आशियाना का स्थान है।
अगले तीन वर्षों में लगभग 16,000 इकाइयां पेश होने वाली हैं। अग्रवाल ने कहा कि बढ़ती खरीदार और निवेशकों की रुचि के साथ आपूर्ति बढ़ने के साथ कीमतों में बढ़ोतरी जारी रहने की संभावना है।
दिल्ली के दूसरी ओर जेवर में बन रहा नया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र को नया रूप दे रहा है। गुरुग्राम पर इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के प्रभाव की तरह जेवर भी अब आवासीय, वाणिज्यिक, वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स वृद्धि के लिए उत्प्रेरक का काम कर रहा है।
वोमेकी ग्रुप के अध्यक्ष गौरव के सिंह ने कहा, ‘बेहतर कनेक्टिविटी, मल्टीमोडल लॉजिस्टिक्स क्षमता और एक्सप्रेसवे व रैपिड रेल के साथ योजनाबद्ध एकीकरण के साथ, जेवर प्लॉटेड परियोजनाओं, वेयरहाउसिंग, इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण और आतिथ्य क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित कर रहा है।’
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में आवासीय कीमतें 2022 के बाद से 51 प्रतिशत बढ़कर 3,965 रुपये प्रति वर्ग फुट से 6,000 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई हैं। बुनियादी ढांचे के निर्माण और जीवनशैली परियोजनाओं के साथ इसमें 2021 से कीमतों में 22 से 25 फीसदी की वृद्धि हुई है।
ग्रीनबे गोल्फ विलेज में कॉर्पोरेट रणनीति प्रमुख आशुतोष कैथवार ने कहा, ‘जेवर हवाई अड्डे से जल्द परिचालन शुरू होने और मेट्रो के विस्तार के साथ संभावनाएं मजबूत बनी हुई हैं, और वार्षिक वृद्धि 12 से 15 फीसदी होने की उम्मीद है।’