बीते कुछ वर्षों में किराये की तुलना में मकान खरीदना अधिक फायदेमंद साबित हुआ है क्योंकि मकान की कीमत किराये में वृद्धि की तुलना में ज्यादा बढ़ी है। देश के आवास क्षेत्र के 7 प्रमुख शहरों में एनसीआर, एमएमआर, हैदराबाद और बेंगलूरु में आवास बाजार में औसत पूंजी मूल्य में वृद्धि किराये में बढ़ोतरी की तुलना में ज्यादा रही। हालांकि पुणे, चेन्नई और कोलकाता में औसत पूंजी मूल्य में वृद्धि किराये में वृद्धि की तुलना में कम रही है। भारतीय आवास बाजार के विकास के साथ ‘किराए पर लें या खरीदें’ प्रश्न का उत्तर बदलता रहता है।
संपत्ति सलाहकार फर्म एनारॉक समूह ने आवास बाजार में 2021 अंत से 2024 अंत के बीच औसत पूंजी मूल्य वृद्धि और किराया वृद्धि का अध्ययन किया है। इसमें पाया गया है कि मकान खरीदने पर औसत पूंजी मूल्य वृद्धि औसत किराया वृद्धि की तुलना में अधिक रही। ANAROCK के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि शीर्ष 7 शहरों के प्रमुख सूक्ष्म बाजारों में पूंजी मूल्य में 2021 के अंत और 2024 के अंत के बीच 128 फीसदी तक की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। बेंगलूरु, एमएमआर, एनसीआर और हैदराबाद जैसे प्रमुख शहरों में 2021 के अंत और 2024 के अंत के बीच औसत पूंजी मूल्य किराये के मूल्यों की तुलना में अधिक बढ़ गया है।
एनसीआर के नोएडा के सेक्टर-150 में पूंजीगत मूल्यों में सबसे अधिक 128 फीसदी की वृद्धि देखी गई, जबकि इस अवधि में किराये के मूल्यों में 66 फीसदी की वृद्धि हुई। जाहिर है पूंजी मूल्य में वृद्धि किराये में बढ़ोतरी की तुलना में करीब दोगुनी रही। एनसीआर के सोहना रोड में पूंजी मूल्यों में 59 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई, जबकि किराये के मूल्यों में 47 फीसदी इजाफा हुआ।
मुंबई के चेंबूर में पूंजी मूल्य वृद्धि 48 फीसदी थी, जबकि किराये में वृद्धि 42 फीसदी पर कम रही। मुलुंड में किराये के मूल्यों में 29 फीसदी की वृद्धि हुई, जबकि पूंजी की कीमतें इससे ज्यादा 43 फीसदी बढ़ीं। हैदराबाद के हाईटेक सिटी और गाचीबोवली (Gachibowli) में भी ऐसा ही रुख देखा गया। हाईटेक सिटी में किराये के मूल्य में वृद्धि 54 फीसदी रही, जो पूंजी की वृद्धि 62 फीसदी से कम रही। गाचीबोवली में किराये के मूल्य में 62 फीसदी और पूंजी के मूल्य में 78 फीसदी वृद्धि हुई। बेंगलूरु के थानिसांद्रा मेन रोड ( Thanisandra Main Rd ) में इस अवधि में पूंजी मूल्यों में औसत किराये के मूल्यों (62 फीसदी) की तुलना में अधिक (67 फीसदी) वृद्धि देखी गई। सरजापुर ( Sarjapur Rd ) रोड में औसत मासिक किराये के मूल्यों में पूंजी मूल्यों में 63 फीसदी वृद्धि की तुलना में अधिक (76 फीसदी) वृद्धि देखी गई।
एनारॉक के इस अध्ययन के अनुसार पुणे, कोलकाता और चेन्नई में किराये से मकान खरीदने की तुलना में ज्यादा फायदा हुआ है क्योंकि इन शहरों में 2021 के अंत से 2024 के अंत के बीच किराया में पूंजी मूल्य की तुलना में अधिक वृद्धि हुई। पुणे के हिंजेवाड़ी (Hinjewadi) में किराये के मूल्यों में 57 फीसदी की वृद्धि देखी गई, जबकि पूंजी मूल्यों में केवल 37 फीसदी वृद्धि हुई। वाघोली (Wagholi) में किराये के मूल्यों में 65 फीसदी वृद्धि की तुलना में पूंजी मूल्यों में 37 फीसदी ही वृद्धि हुई।
कोलकाता के ईएम बाईपास में किराये के मूल्यों में 51 फीसदी की वृद्धि हुई, जबकि इस अवधि में पूंजी मूल्यों में केवल 19 फीसदी की वृद्धि हुई। राजरहाट (Rajarhat) में किराये के मूल्यों में 37 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई, जबकि पूंजी मूल्यों में इससे कम 32 फीसदी इजाफा हुआ। चेन्नई के पल्लवरम (Pallavaram) में किराये के मूल्यों में 44 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि पूंजी मूल्यों में 21 फीसदी की वृद्धि हुई। पेरम्बूर (Perambur) में किराये के मूल्यों में 36 फीसदी वृद्धि हुई, जबकि पूंजी मूल्यों में 23 फीसदी बढ़ोतरी हुई।
एनारॉक समूह के चेयरमैन अनुज पुरी कहते हैं कि आवासीय क्षेत्रों में पूंजी वृद्धि और किराये की वृद्धि के बीच स्पष्ट अंतर यह दर्शाता है कि प्रमुख बाजारों में मकान का स्वामित्व अधिक आकर्षक होता जा रहा है, जहां संपत्ति के मूल्य किराये की तुलना में तेजी से बढ़ रहे हैं। निवेशकों के लिए यह नोएडा, हैदराबाद और एमएमआर जैसे शहरों में मजबूत दीर्घकालिक रिटर्न का संकेत देता है, जहां पूंजी वृद्धि किराये की वृद्धि से अधिक है।
पुरी ने कहा , “पहले से कहीं अधिक निवेशकों को अपनी रणनीति को लोकेशन विशिष्ट के साथ बनाना चाहिए जैसे जो लोग दीर्घकालिक पूंजी वृद्धि की तलाश कर रहे हैं, वे उच्च वृद्धि वाले बाजारों को लक्षित कर सकते हैं, जबकि किराये पर ध्यान केंद्रित करने वाले निवेशकों को उन इलाकों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जहां किराए में लगातार वृद्धि हो रही है। घर खरीदने वालों के लिए यह समझना बेहद महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक स्थान पर खरीदना या किराए पर लेना अधिक वित्तीय समझदारी है या नहीं।”