कोविड महामारी के बाद भारत के रियल एस्टेट क्षेत्र में वित्तीय हालात में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है। इस क्षेत्र को बैंक और गैर बैंकिंग वित्तीय संस्था (एनबीएफसी) से मिलने वाले ऋण में काफी वृद्धि हुई है। इसके साथ ही इस क्षेत्र की कंपनियों ने बड़े पैमाने पर आईपीओ के माध्यम से भी रकम जुटाई है।
कोविड महामारी के बाद रियल एस्टेट क्षेत्र को बैंक और एनबीएफसी से मिलने वाले ऋण (क्रेडिट) में जबरदस्त इजाफा हुआ है। रियल एस्टेट रिसर्च फर्म कॉलियर्स इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक कोविड के बाद वित्त वर्ष 2021 में बैंकों से रियल एस्टेट क्षेत्र को 17.8 लाख करोड़ रुपये का ऋण मिला था, जो वित्त वर्ष 2025 में दोगुना बढ़कर 35.4 लाख करोड़ हो गया, जबकि इस अवधि में बैंकों द्वारा दिया गया कुल ऋण 109.5 लाख करोड़ रुपये से 66.57 फीसदी बढ़कर 182.4 लाख करोड़ रुपये हो गया।
कुल बैंक ऋण में रियल एस्टेट की हिस्सेदारी भी कोरोना के बाद 16.3 फीसदी से बढ़कर 19.4 फीसदी हो गई है। बैंक ऋण के साथ ही एनबीएफसी से भी रियल एस्टेट को अधिक ऋण मिला। कॉलियर्स के अनुसार वित्त वर्ष 2021 में एनबीएफसी से रियल एस्टेट को एक लाख करोड़ रुपये का ऋण मिला था, जो वित्त वर्ष 2025 में बढ़कर 1.3 लाख करोड़ रुपये हो गया।
रियल एस्टेट क्षेत्र का आईपीओ के मामले में भी प्रदर्शन अच्छा है। कॉलियर्स इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार कोरोना के बाद वर्ष 2021 में रियल एस्टेट क्षेत्र ने 6 आईपीओ के माध्यम से 108.5 अरब रुपये जुटाए थे, जबकि 2024 में इससे ज्यादा 9 आईपीओ के माध्यम से 138.1 अरब रुपये जुटाए हैं। इस साल भी रियल एस्टेट का प्रदर्शन अच्छा है। यह क्षेत्र जुलाई तक 7 आईपीओ के माध्यम से 76.3 अरब रुपये जुटा चुका है।
रियल एस्टेट क्षेत्र कोरोना के बाद 30 आईपीओ के माध्यम से कुल 400 अरब रुपये जुटा चुका है। दिलचस्प बात यह है कि रियल एस्टेट आईपीओ फ्लेक्स स्पेस जैसी नई श्रेणियों में विस्तार कर रहे हैं क्योंकि प्रमुख ऑपरेटर विभिन्न शहरों में अपने पोर्टफोलियो का विस्तार कर रहे हैं और अपनी सार्वजनिक लिस्टिंग योजनाओं को तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं।
कॉलियर्स इंडिया की इस रिपोर्ट में कहा गया है महामारी के बाद भारत के अधिकांश आर्थिक क्षेत्रों में जोरदार वापसी हुई है। हालांकि रियल एस्टेट क्षेत्र में सुधार की गति और सीमा अन्य उद्योगों की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक स्पष्ट रही है। हाल के वर्षों में भारतीय रियल एस्टेट में क्रेडिट रेटिंग अपग्रेड के उच्च अनुपात से यह बात स्पष्ट होती है।
रियल एस्टेट क्षेत्र ने क्रेडिट गुणवत्ता मानकों पर व्यापक उद्योग से बेहतर प्रदर्शन किया है। एक प्रमुख क्रेडिट रेटिंग एजेंसी (सीआरए) ने वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही के दौरान अपने रेटेड रियल एस्टेट पोर्टफोलियो में 23 फीसदी अपग्रेड और केवल 1 फीसदी डाउनग्रेड की सूचना दी है। इसी अवधि में सीआरए द्वारा विभिन्न उद्योगों में रेटिंग अपग्रेड और डाउनग्रेड का प्रतिशत क्रमशः 14 फीसदी और 6 फीसदी रहा।
Outstanding as of March | 2016 | 2017 | 2018 | 2019 | 2020 | 2021 | 2022 | 2023 | 2024 | 2025 |
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Total Bank Credit | 66.5 | 71.4 | 77.3 | 86.7 | 103.7 | 109.5 | 118.9 | 136.8 | 164.3 | 182.4 |
Credit to real estate sector | 9.2 | 10.5 | 11.6 | 13.6 | 16.5 | 17.8 | 20.2 | 23.1 | 31.9 | 35.4 |
Share of real estate sector | 13.8% | 14.7% | 15.0% | 15.7% | 15.9% | 16.3% | 17.0% | 16.9% | 19.4% | 19.4% |