भारत में खर्च कर सकने वाले उपभोक्ताओं में इस बात की ज्यादा संभावना है कि वे स्नैक्स से संबंधित अपनी आदतों के साथ प्रयोग करेंगे और क्विक कॉमर्स की कंपनियां इसे बढ़ावा दे रही हैं। मोंडलीज इंडिया ने यह जानकारी दी है।
मोंडलीज इंडिया के उपाध्यक्ष (मार्केटिंग) नितिन सैनी ने अपनी रिपोर्ट ‘स्नैकिंग का हिस्सा : भारत 2024’ के बारे में बात करते हुए बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘क्विक कॉमर्स पर मौजूद लोगों में प्रयोग करने की अधिक इच्छा होती है, क्योंकि उनके पास खर्च करने योग्य ज्यादा राशि होती है। उपभोक्ता या खरीदार के नजरिये से वहां स्वाभाविक आकर्षण रहता है।’
उन्होंने कहा, ‘बड़े महानगरों और शहरों में क्विक कॉमर्स तेजी से बढ़ रहा है। यह उपभोक्ताओं को स्वाभाविक रूप से अधिक विविधता के लिए प्रोत्साहित कर रहा है और ये दोनों कारक मिलकर देश में स्नैक्स को बढ़ावा दे रहे हैं।’
रिपोर्ट के अनुसार 39 प्रतिशत उपभोक्ता ऑनलाइन स्नैक्स खरीदते हैं जबकि बाकी लोग दुकानों को प्राथमिकता देते हैं। पिछले साल ऑनलाइन स्नैक्स खरीदने वाले उपभोक्ताओं की हिस्सेदारी 35 प्रतिशत थी। कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि उपभोक्ता प्रतिदिन 2.74 स्नैक्स खाते हैं जिनमें से 99 प्रतिशत कम से कम एक स्नैक खाते हैं, 80 प्रतिशत दो और 78 प्रतिशत बड़े के बजाय छोटे खाने को प्राथमिकता देते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार उपभोक्ता ऐसे स्नैक्स पसंद करते हैं जिनसे कुछ पुरानापन जुड़ा हो। उनमें से 89 प्रतिशत ऐसे स्नैक्स पसंद करते हैं जो घर की बचपन की यादें ताजा करते हैं। रिपोर्ट में पाया गया कि 83 प्रतिशत भारतीय उपभोक्ता सुपरमार्केट और हाइपरमार्केट में घूमना पसंद करते हैं। यह सर्वेक्षण पिछले साल 10 से 22 अक्टूबर के बीच मोंडलीज इंडिया की ओर से द हैरिस पोल ने ऑनलाइन किया था। इसमें 18 वर्ष और इससे ज्यादा आयु वाले 503 लोगों ने हिस्सा लिया था।
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