facebookmetapixel
किसानों को सौगात: PM मोदी ने लॉन्च की ₹35,440 करोड़ की दो बड़ी योजनाएं, दालों का उत्पादन बढ़ाने पर जोरECMS योजना से आएगा $500 अरब का बूम! क्या भारत बन जाएगा इलेक्ट्रॉनिक्स हब?DMart Q2 Results: पहली तिमाही में ₹685 करोड़ का जबरदस्त मुनाफा, आय भी 15.4% उछलाCorporate Actions Next Week: अगले हफ्ते शेयर बाजार में होगा धमाका, स्प्लिट- बोनस-डिविडेंड से बनेंगे बड़े मौके1100% का तगड़ा डिविडेंड! टाटा ग्रुप की कंपनी का निवेशकों को तोहफा, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्तेBuying Gold on Diwali 2025: घर में सोने की सीमा क्या है? धनतेरस शॉपिंग से पहले यह नियम जानना जरूरी!भारत-अमेरिका रिश्तों में नई गर्मजोशी, जयशंकर ने अमेरिकी राजदूत गोर से नई दिल्ली में की मुलाकातStock Split: अगले हफ्ते शेयरधारकों के लिए बड़ी खुशखबरी, कुल सात कंपनियां करेंगी स्टॉक स्प्लिटBonus Stocks: अगले हफ्ते कॉनकॉर्ड और वेलक्योर निवेशकों को देंगे बोनस शेयर, जानें एक्स-डेट व रिकॉर्ड डेटIndiGo बढ़ा रहा अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी, दिल्ली से गुआंगजौ और हनोई के लिए शुरू होंगी डायरेक्ट फ्लाइट्स

Quick Commerce कंपनियों की बढ़ीं मुश्किलें, CCI ने की प्रतिस्पर्धा विरोधी व्यवहार की जांच शुरू

क्विक कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा-विरोधी व्यवहार की जांच शुरू, सीसीआई ने प्राथमिक स्तर पर जुटाए सबूत, किराना कारोबार पर असर को लेकर वितरकों ने जताई चिंता।

Last Updated- June 17, 2025 | 10:28 PM IST
quick commerce
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ऑल इंडिया कंज्यूमर प्रोडक्ट्स डिस्ट्रिब्यूटर्स फेडरेशन (एआईसीपीडीएफ) के इन आरोपों की प्रारंभिक जांच कर रहा है तीन क्विक कॉमर्स कंपनियां कथित तौर पर प्रतिस्पर्धा-विरोधी कार्यप्रणाली में लिप्त हैं। मामले से अवगत सूत्रों ने यह जानकारी दी है। घटनाक्रम से जुड़े सूत्र ने बताया, ‘इस प्रारंभिक जांच के निष्कर्षों के आधार पर महानिदेशक की ओर से औपचारिक जांच का आदेश दिया जाएगा।’

ऐसा पहली बार होगा कि जब प्रतिस्पर्धा नियामक क्विक कॉमर्स कंपनियों के आचरण की जांच कर रहा है। फेडरेशन ने बंडल टेक्नोलजीज, ब्लिंक कॉमर्स और जेप्टो मार्केटप्लेस के खिलाफ भारी छूट, विशेष आपूर्ति और वितरण समझौतों में लिप्त होने की शिकायत की थी।

एआईसीपीडीएफ के अध्यक्ष धैर्यशील पाटिल ने सीसीआई में याचिका दायर की थी। इसमें आरोप लगाया गया कि देश भर में एक करोड़ छोटे-छोटे किराना स्टोर हैं और क्विक कॉमर्स उनकी आजीविका के साथ-साथ सुपर स्टॉकिस्टों और स्टॉकिस्टों के संचालन को भी प्रभावित कर रहा है।

सूत्रों ने कहा कि एकाधिकार विरोधी नियामक ने शिकायतकर्ता से उपभोक्ता के स्थान, उपकरण के प्रकार या खरीद व्यवहार के आधार पर किसी भी भागीदार द्वारा किसी भी उपभोक्ता से भेदभावपूर्ण दाम वसूले जाने का सबूत मांगा था। उसने किसी भी उत्पाद को लागत मूल्य से कम पर बेचे जाने का सबूत भी मांगा था।

सीसीआई ने वितरक संगठन से एफएमसीजी उद्योग में प्रत्येक क्विक कॉमर्स भागीदार की प्रासंगिक बाजार हिस्सेदारी के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी थी। उसने यह भी स्पष्ट करने को कहा था कि क्या एफएमसीजी कंपनियों का वितरण के लिए कोई विशेष समझौता है।

First Published - June 17, 2025 | 10:11 PM IST

संबंधित पोस्ट