मुकेश अंबानी प्रवर्तित रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) का संचयी लाभ (consolidated profit) मार्च 2024 में समाप्त तिमाही (Q4FY24) में एक साल पहले के मुकाबले घटने का अनुमान है। कंपनी का तेल से लेकर केमिकल कारोबार (O2C), रिटेल और कंज्यूमर से मिले लाभ को खत्म कर सकता है। लेकिन इस कारोबार के लाभ में क्रमिक आधार पर (QoQ) बढ़ोतरी दर्ज हो सकती है।
ब्लूमबर्ग के पोल में 12 एनालिस्ट ने कंपनी का संचयी राजस्व (consolidated revenue) 2.35 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया है और छह एनालिस्ट्स ने समायोजित नेट आय (net income adjusted) 19,873 करोड़ रुपये रहने की उम्मीद जताई है।
ICICI Securities के विश्लेषकों ने कहा कि तिमाही के दौरान रिलायंस का प्रदर्शन मिला-जुला रह सकता है। ऑपरेशन के मोर्चे पर मजबूत सुधार की उम्मीद है लेकिन ज्यादा ह्रास/कर की ऊंची दर (higher depreciation/high tax rate) की वजह से नेट इनकम घट सकती है।
ब्रोकरेज फर्मों नुवामा, सेंट्रम, प्रभुदास लीलाधर (Prabhudas Lilladher) और ICICI Securities ने कंपनी के नेट प्रॉफिट या कर पश्चात लाभ यानी PAT में सालाना आधार पर (YoY) 5 से 10 फीसदी की कमी का अनुमान जताया है। ब्रोकरेज फर्मों को उम्मीद है कि एबिटा 7 से 9 फीसदी के दायरे में बढ़ेगा।
Nuvama के एनालिस्ट्स ने एबिटा (Ebitda) में बढ़ोतरी का कारण ऑयल टू केमिकल (O2C) को छोड़कर बाकी सभी वर्टिकल का मजबूत प्रदर्शन बताया है। फर्म को उम्मीद है कि कमजोर रिफाइनिंग व पेटकेम (petchem) के कारण सालाना आधार पर ऑयल टू केमिकल एबिटा 8 फीसदी घटेगा जबकि इसी दौरान खुदरा कारोबार का एबिटा 28 फीसदी और टेलीकॉम का 13 फीसदी बढ़ सकता है।
ICICI Securities के एनालिस्ट्स ने कहा कि हालांकि क्रमिक आधार पर (sequential basis) ऑयल टू केमिकल सेगमेंट इनकम में मजबूत उछाल दर्ज कर सकता है, जिसकी वजह ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन में सुधार, बेहतर पेटकेम स्प्रेड और ज्यादा रिफाइनिंग के आंकड़े हैं। दिसंबर 2023 की तिमाही में कुछ रिफाइनिंग यूनिट की नियोजित बंदी (planned shutdowns) हुई थी।
Centrum ब्रोकिंग के एनालिस्ट्स ने कहा कि तेल और गैस कारोबार की आय तिमाही में क्रमिक आधार पर नरम रहने की संभावना है जिसकी वजह मोटे तौर पर स्थिर वॉल्यूम और प्राइसिंग है।
Prabhudas Lilladher के एनालिस्ट के अनुसार रिलांयस के गैर-ओ2सी (non-O2C) कारोबार की बात करें तो टेलीकॉम का प्रदर्शन अच्छा रह सकता है और कस्टमर बेस में क्रमिक आधार पर दो फीसदी की बढ़ोतरी और प्रति ग्राहक औसत राजस्व (ARPU-average revenue per user) स्थिर रह सकता है। एनालिस्ट्स ने कहा कि रिटेल कारोबार भी क्रमिक आधार पर मजबूत लाभ दर्ज कर सकता है।
बाजार की नजर मैनेजमेंट की टिप्पणी में कंपनी के नए एनर्जी कारोबार के चालू होने के समय और पूंजीगत खर्च (capital expenditure) और कर्ज को लेकर कंपनी की योजना पर रहेगी। दिसंबर 2023 के आखिर में कंपनी का नेट कर्ज 1.19 लाख करोड़ रुपये था और कंसोलिडेटेड ग्रॉस डेट 3.11 लाख करोड़ रुपये। RIL के मुख्य वित्त अधिकारी (CFO) श्रीकांत वेंकटचारी ने कहा कि इस साल के आखिर तक कई फेज में नए एनर्जी केंद्र चालू करने के लिहाज से कंपनी पटरी पर है।