मार्च 2025 तिमाही में कंपनियों की कमाई कुल मिलाकर बाजार की उम्मीदों से बेहतर रही। भारती एयरटेल, इंडियन ऑयल, हिंडाल्को, वेदांत और आईसीआईसीआई बैंक के शानदार प्रदर्शन से कंपनियों के कुल मुनाफे को दम मिला। वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में 1,555 कंपनियों का कुल शुद्ध लाभ एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 6.6 फीसदी बढ़ा जो अधिकतर ब्रोकरेज के अनुमानों से अधिक है। इन कंपनियों में सूचीबद्ध सहायक इकाइयों को शामिल नहीं किया गया है। अधिकतर ब्रोकरेज ने अनुमान लगाया था कि वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में उनके कवरेज में शामिल कंपनियों की कुल कमाई में एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले -5 से 1 फीसदी की वृद्धि होगी।
मगर कंपनियों का प्रदर्शन बाजार के अनुमान से बेहतर रहा। नमूने में शामिल कंपनियों की आय में वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही जैसी वृद्धि दर्ज की गई मगर वह वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही से कम रही। नमूने में शामिल कंपनियों के कुल शुद्ध लाभ में वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही के दौरान एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 10.8 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।
वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में इन कंपनियों का एकीकृत शुद्ध लाभ 6.5 फीसदी बढ़ा था। इन कंपनियों का कुल शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में बढ़कर 3.6 लाख करोड़ रुपये के नए उच्च स्तर पर पहुंच गया। यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में 3.39 लाख करोड़ रुपये रहा था। तिमाही के दौरान आय वृद्धि में दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल का योगदान सबसे अधिक 32.5 फीसदी रहा। उसके बाद इंडियन ऑयल का योगदान 13.3 फीसदी और हिंडाल्को का योगदान 9.4 फीसदी रहा। कंपनियों की आय वृद्धि में शीर्ष पांच कंपनियों की भागीदारी 73 फीसदी रही।
तिमाही के दौरान भारती एयरटेल के कुल शुद्ध लाभ में 185.7 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई जबकि इंडियन ऑयल के मुनाफे में 57.8 फीसदी और हिंडाल्को के मुनाफे में 66.3 फीसदी की वृद्धि हुई। तिमाही के दौरान इन कंपनियों की आय वृद्धि लगातार आठवीं तिमाही में एक अंक में रही क्योंकि इस दौरान बैंकिंग, फाइनैंस एवं बीमा (बीएफएसआई), तेल एवं गैस, आईटी सेवा, वाहन और धातु एवं खनन क्षेत्र की कंपनियों की शुद्ध बिक्री में एक अंक में बढ़त दर्ज
की गई।
वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में हमारे नमूने में शामिल कंपनियों की कुल शुद्ध बिक्री या आय 7.2 फीसदी बढ़ी जबकि वित्त वर्ष 2024 की समान तिमाही में 8.4 फीसदी का इजाफा हुआ था। वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में इन कंपनियों की कुल शुद्ध आय 34.96 लाख करोड़ रुपये रही जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 32.61 लाख करोड़ रुपये थी। परिचालन व्यय में अपेक्षाकृत कम वृद्धि के कारण परिचालन मार्जिन में सुधार से कंपनियों को फायदा हुआ है।
खनन एवं धातु, फार्मा, बिजली और सार्वजनिक क्षेत्र की तेल मार्केटिंग कंपनियों का प्रदर्शन इस दौरान बेहतर रहा जबकि बीएफएसआई, वाहन, आईटी और एफएमसीजी क्षेत्र की आय निचले एक अंक में बढ़ी है। हालांकि गिनी-चुनी कंपनियों का प्रदर्शन ही दमदार रहा है और ज्यादा कंपनियों के नतीजे निराशाजनक ही रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप ब्रोकरेज फर्मों ने वित्त वष 2026 के लिए निफ्टी 50 की प्रति शेयर आय (ईपीएस) को 1,155 रुपये पर अपरिवर्तित रखा है जबकि वित्त वर्ष 2027 के ईपीएस को 0.3 फीसदी बढ़कर 1,332 रुपये कर दिया है।
इलारा कैपिटल के विश्लेषकों ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में मिडकैप ने अच्छा प्रदर्शन किया जबकि लार्ज कैप कंपनियों ने निराश किया।