प्राइवेटसर्कल रिसर्च के एक विश्लेषण में बताया गया है कि पिछले साल अगस्त से इस साल अगस्त के बीच भारतीय यूनिकॉर्न स्टार्टअप कंपनियों के कार्यबल में 6,700 कर्मचारियों की शुद्ध गिरावट आई है। कुल मिलाकर, 116 भारतीय यूनिकॉर्न कंपनियों ने पिछले साल अगस्त में 4,17,561 लोगों को नौकरी पर रखा था और इस साल अगस्त में ये घटकर 4,10,829 रह गए।
अगस्त 2023 से अगस्त 2024 के दौरान सभी प्रमुख स्टार्टअप हब में से दिल्ली-एनसीआर की कंपनियों ने अपने कुल कर्मचारियों की संख्या में सबसे ज्यादा वृद्धि की है। पॉलिसीबाजार, ब्लिंकइट और जोमैटो जैसी दिल्ली-एनसीआर की कंपनियों ने सबसे ज्यादा नियुक्तियां की हैं। प्राइवेटसर्कल ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) को दिल्ली और ठाणे की यूनिकॉर्न कंपनियों को मुंबई क्षेत्र में शामिल किया है।
इसके बाद चेन्नई की यूनिकॉर्न कंपनियों ने सबसे ज्यादा कर्मचारियों को भर्ती किया है। फिर बेंगलूरु का स्थान रहा। इसके विपरीत, मुंबई की यूनिकॉर्न स्टार्टअप कंपनियों के कुल कार्यबल में 7,024 कर्मचारियों की शुद्ध गिरावट आई है। पुणे और हैदराबाद की कंपनियों के भी कुल कार्यबल में गिरावट दर्ज की गई है।
पिछले साल अगस्त से इस साल अगस्त के बीच 116 भारतीय यूनिकार्न कंपनियों में नौकरी छोड़ने की दर औसतन 4.5 फीसदी रही। दिलचस्प है कि जीरोधा, जोहो और मैपमाई इंडिया जैसी यूनिकॉर्न में नौकरी छोड़ने की दर 1 फीसदी या उससे भी कम रही। एथर एनर्जी, ध्रुव, ड्रीम स्पोर्ट्स, आइसर्टिस और यूनिफर जैसी यूनिकॉर्न कंपनियों में नौकरी छोड़ने की दर 2 फीसदी से कम रही।
इस साल मार्च से यूनिकॉर्न स्टार्टअप में भर्तियों में तेजी आई और उस महीने सबसे ज्यादा 42,000 कर्मचारियों की नियुक्ति की गई जो किसी भी महीने होने वाली सबसे बड़ी भर्ती थी। मार्च 2024 में पेटीएम, बिग बास्केट और पीबी फिनटेक जैसी यूनिकॉर्न कंपनियों में सबसे ज्यादा नियुक्तियां देखने को मिलीं। दूसरी तरफ सितंबर 2023 में सबसे ज्यादा 39,000 कर्मियों ने यूनिकॉर्न को छोड़ा। इसकी एक वजह छंटनी भी हो सकती है।