स्वास्थ्य देखभाल प्रौद्योगिकी और सेवा कंपनी प्रैक्टो के मुख्य कार्याधिकारी और सह-संस्थापक शशांक एनडी पिछले नौ महीनों से अपने स्वास्थ्य के लिए समर्पित रहे हैं। उनके व्यायाम कार्यक्रम में वेट ट्रेनिंग और हर महीने करीब 100 किलोमीटर दौड़ना शामिल है। केवल शशांक ही स्वस्थ नहीं हो रहे हैं, बल्कि उनकी कंपनी प्रैक्टो भी मुनाफे की तरफ बढ़ रही है।
शशांक ने एक बातचीत में कहा ‘जैसे-जैसे प्रैक्टो मुनाफे की तरफ बढ़ रही है, मैं भी स्वस्थ हो रहा हूं।’
प्रैक्टो को वर्ष 2023-24 में अपना राजस्व दोगुना होने की उम्मीद है। कंपनी ने लगभग 400 करोड़ रुपये के राजस्व के साथ पिछले साल की तुलना में 100 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया है। कंपनी को लगभग पांच करोड़ रुपये की ब्याज और कर पूर्व वार्षिक आय (एबिट) के साथ सकारात्मक नकदी प्रवाह और मुनाफे वाले साल की उम्मीद है।
प्रैक्टो का कुल राजस्व वर्ष 2020-21 (वित्त वर्ष 21) में 105 करोड़ रुपये था, जो वर्ष 2021-22 (वित्त वर्ष 22) में बढ़कर 200 करोड़ रुपये हो गया। समूह का घाटा वित्त वर्ष 21 के 79 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 22 में 146 करोड़ रुपये हो गया।
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करीब 15 साल पहले सॉफ्टवेयर-एज-ए-सर्विस (सास) स्टार्टअप के रूप में शुरू होने वाली प्रैक्टो अब फिजिटल (भौतिक प्लस डिजिटल) रणनीति का उपयोग करके आगे बढ़ने पर ध्यान दे रही है, जो डिजिटल अनुभवों को भौतिक अनुभवों से जोड़ती है। इस रणनीति के तहत इसने हाल ही में मधुमेह प्रबंधन और निवारण कार्यक्रम – ट्रांसफॉर्म की शुरुआत की है।
शशांक ने कहा कि वैश्विक महामारी के दौरान हम सभी के घरों तक पहुंचे। अब हम एकीकृत स्वास्थ्य देखभाल का निर्माण करते हुए उन प्रतिकूल परिस्थितियों का उपयोग कर रहे हैं, जहां ऑनलाइन और ऑफलाइन (फिजिटल) अनुभव करीब से जुड़ा होता है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए कारोबार का यह पहलू अच्छी तरह से बढ़ रहा है। स्वास्थ्य देखभाल में मरीजों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही सेवाओं की जरूरत होती है।
कंपनी ने मरीजों, डॉक्टरों, फार्मेसियों, डायग्नोस्टिक, क्लीनिक और अस्पतालों को जोड़कर स्वास्थ्य तंत्र बनाया है। अपने प्लेटफॉर्म पर 1,20,000 से अधिक भागीदार डॉक्टरों के साथ अब यह अपनी सेवाओं से सालाना लगभग 18 करोड़ मरीजों को सेवा प्रदान कर रही है। करीब 22 देशों में इसकी मौजूदगी है।