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पीएलआई योजना सभी क्षेत्रों में मामूली पूंजीगत व्यय प्रदान करेगी: क्रेडिट सुइस

Last Updated- December 16, 2022 | 11:29 PM IST

उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना में पात्र कंपनियां जो भी निवेश करेंगी, उससे उन क्षेत्रों के पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) में सालाना आधार पर औसतन 8-10 फीसदी की वृद्धि होगी। क्रेडिट सुइस के एक अध्ययन में कहा गया है कि यह एक मामूली प्रभाव होगा।

क्रेडिट सुइस के अध्ययन में यह पता चलता है कि विशिष्ट स्टील्स के लिए पीएलआई कंपनियों द्वारा कैपेक्स में सालाना वृद्धि सबसे अधिक 17 फीसदी होगी, इसके बाद कपड़ा में 14 फीसदी, वाहनों में 10 फीसदी और फार्मा में 4 फीसदी की वृद्धि होगी और अन्य सभी योजनाओं के लिए औसतन 4 फीसदी की वृद्धि होगी। हालांकि, इसमें एडवांस्ड सेल बैटरी निर्माण जैसे नए क्षेत्रों को शामिल नहीं किया गया है क्योंकि इन क्षेत्रों में विनिर्माण के लिए एक स्थानीय आधार बनाया जा रहा है।

पीएलआई के तहत प्रमुख निवेश ऑटो और विशिष्ट स्टील्स (5.1 अरब डॉलर प्रत्येक) से आएगा, इसके बाद कपड़ा (2.3 अरब डॉलर) और फार्मा (1.9 अरब डॉलर) क्षेत्र का नंबर आता है। अधिकांश अन्य क्षेत्रों में पूंजी निवेश बहुत मामूली, 1 अरब डॉलर से भी कम हैं। इनमें मोबाइल डिवाइस, आईटी हार्डवेयर, दूरसंचार, खाद्य प्रसंस्करण और टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुएं शामिल हैं।

पीएलआई योजनाओं के तहत कंपनियों को दिए जाने वाले प्रोत्साहन के लिए एक शर्त होती है कि उन्हें प्रत्येक वर्ष वृद्धिशील पूंजी निवेश की न्यूनतम सीमा तय करनी होगी और योजना की अवधि के दौरान न्यूनतम निर्धारित वृद्धिशील राजस्व जुटाना होगा। क्रेडिट सुइस ने कुछ प्रमुख चिंताएं जताई हैं। उनमें से एक यह है कि एडवांस्ड बैटरी जैसे क्षेत्रों को छोड़कर बड़े रणनीतिक क्षेत्रों में वैश्विक कंपनियों की भागीदारी नहीं है।

दूसरा, सुइस ने बताया कि प्रत्येक क्षेत्र में बहुत सारी कंपनियां हैं। योजना को सारी कंपनियों को लक्षित करने के बजाय कुछ बेहतर प्रदर्शन करने वाली कंपनियों पर केंद्रित होना चाहिए था। उदाहरण के लिए, खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की 51 कंपनियां पीएलआई के लिए पात्र हैं, जबकि कपड़ा क्षेत्र में यह संख्या 61 है। अन्य क्षेत्रों में फार्मा (55), टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुएं (45), भारी मात्रा में ड्रग्स (49) और दूरसंचार (31) वाली कई कंपनियां शामिल हैं।

हालांकि सरकार अधिक वैश्विक कंपनियों को आकर्षित करने के लिए पहले से ही कुछ योजनाओं पर फिर से काम कर रही है। उदाहरण के लिए, सरकार आईटी क्षेत्र में लैपटॉप और पीसी बनाने वाली वैश्विक फर्मों को मोबाइल डिवाइस मॉडल की तरह ही प्रोत्साहित करना चाहती है। बैटरी बनाने के लिए दूसरी पीएलआई तैयार करने की भी योजना है।

First Published - December 16, 2022 | 6:39 PM IST

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