डिजिटल पेमेंट फर्म पेटीएम का एकीकृत नुकसान वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में बढ़कर 549.6 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। पिछले वित्त वर्ष में इसी अवधि में यह 168.4 करोड़ रुपये रहा था। क्रमिक आधार पर नुकसान तीसरी तिमाही के 219.8 करोड़ रुपये के मुकाबले दोगुना हो गया।
वित्त वर्ष 24 में कंपनी ने 1,417 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया जो वित्त वर्ष 23 में 1,776.5 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी की शुद्ध आय सालाना आधार पर चौथी तिमाही में 2.6 फीसदी घटकर 2,398.8 करोड़ रुपये रह गई जो वित्त वर्ष 23 की चौथी तिमाही में 2,464.6 करोड़ रुपये थी।
पेटीएम का परिचालन करने वाली वन 97 कम्युनिकेशंस ने तिमाही आय में गिरावट की वजह कारोबारी परिचालन में अस्थायी अवरोध को बताया। जनवरी में आरबीआई ने फर्म की सहायक इकाई पेटीएम पेमेंट बैंक लिमिटेड पर तगड़ी पाबंदी लगाई थी।
वन 97 कम्युनिकेशंस ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में इसका पूर्ण वित्तीय असर कंपनी पर दिखेगा। इसकी वजह बुद्धिमत्तापूर्ण परिचालन जोखिम नीतियां और अस्थायी अवरोध हैं, लेकिन कंपनी को वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही से सार्थक सुधार का भरोसा है।
क्रमिक आधार पर कंपनी का राजस्व 20 फीसदी घटा जो वित्त वर्ष 24 की तीसरी तिमाही में 2,999.1 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 24 में कंपनी का राजस्व 25.2 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 10,524.7 करोड़ रुपये रहा जो वित्त वर्ष 23 में 8,400 करोड़ रुपये रहा था।
पेटीएम पेमेंट बैंक पर पाबंदी के बाद वन 97 कम्युनिकेशंस का खर्च चौथी तिमाही में मामूली बढ़ा। कंपनी का खर्च चौथी तिमाही में 2,691.4 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 2,630.5 करोड़ रुपये रहा था। क्रमिक आधार पर कंपनी अपने खर्च में 13.6 फीसदी की कटौती करने में कामयाब रही जो तीसरी तिमाही में 3,216.3 करोड़ रुपये रहा था।
कारोबार पर पड़ा पेटीएम पेमेंट्स बैंक का असर
फिनटेक क्षेत्र की दिग्गज पेटीएम की सहयोगी कंपनी पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की कार्रवाई का असर कंपनी के कारोबार परिचालन जैसे ऋण वितरण, मासिक लेनदेन करने वाले उपयोगकर्ताओं (एमटीयू) और व्यापारी सदस्यता पर धीमी वृद्धि के रूप में दिखाई दे रहा था।
वित्त वर्ष 2023-24 के अपने वार्षिक वित्तीय परिणामों में कंपनी ने कुल ऋण वितरण की संख्या में पिछले साल की तुलना में 54 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की। ऋण वितरण में यह गिरावट कंपनी में पोस्ट-पेड, व्यक्तिगत और व्यापारिक ऋणों में संयुक्त कमी के कारण हुई।
कुल मिलाकर कंपनी ने वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में 5,799 करोड़ रुपये का ऋण दिया, जो वित्त वर्ष 23 की चौथी तिमाही में दिए गए 12,554 करोड़ रुपये के ऋण की तुलना में 53.8 प्रतिशत की गिरावट है।
तिमाही आधार पर बात करें, तो वित्त वर्ष 24 की तीसरी तिमाही में 15,535 करोड़ रुपये के ऋण की तुलना में यह 62.6 प्रतिशत कम रहा। इसका व्यापारी ऋण वितरण वित्त वर्ष 24 की चौथी तिमाही में 1,671 करोड़ रुपये आंका गया था, जो वित्त वर्ष 23 की चौथी दिए गए 2,313 करोड़ रुपये के ऋण की तुलना में 27.8 प्रतिशत कम रहा।
पेटीएम के वरिष्ठ अधिकारी के पद में बदलाव
डिजिटल भुगतान फर्म पेटीएम ने आज एक वरिष्ठ अधिकारी के पद में बदलाव का ऐलान किया। इसका उद्देश्य कंपनी पर अनावश्यक बोझ कम करके ‘हल्के संगठन’ का निर्माण करना है क्योंकि इसने वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में खासा घाटा दर्ज किया है।
पेटीएम का संचालन करने वाली कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस ने कहा कि ऑफलाइन भुगतान के मुख्य कारोबारी अधिकारी रिपुंजय गौड़ को वरिष्ठ प्रबंधन कर्मी के रूप में चुना गया है। गौड़ साल 2009 से पेटीएम का हिस्सा हैं और अर्ध-संगठित व्यापारी श्रेणी के लिए इसके ऑफलाइन भुगतान प्लेटफॉर्म का नेतृत्व करते हैं। उन्होंने ऑफलाइन व्यापारी कारोबार, साउंड बॉक्स और इलेक्ट्रॉनिक डेटा कैप्चर मशीनों के विस्तार जैसे परिचालन और उत्पादों पर काम किया है।