Paytm Q1 Results: One97 Communications द्वारा संचालित भारतीय फिनटेक कंपनी Paytm ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2025) में शानदार प्रदर्शन किया है। कंपनी ने जून 2025 को खत्म हुए तिमाही में पहली बार 122.5 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है। यह कंपनी के लिए बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि पिछले साल इसी तिमाही में कंपनी को 840 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। कंपनी का कहना है कि लागत में कटौती और पेमेंट कारोबार से बढ़ी आय ने इस मुनाफे में अहम भूमिका निभाई।
Paytm ने बताया कि इस तिमाही में उसका EBITDA 72 करोड़ रुपये और PAT (प्रॉफिट आफ्टर टैक्स) 123 करोड़ रुपये रहा। कंपनी ने इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के इस्तेमाल, लागत को नियंत्रित करने और अन्य आय में बढ़ोतरी का योगदान बताया। Paytm ने मार्केटिंग और प्रमोशन खर्च को आधे से भी कम कर दिया। इस बार यह खर्च 99.8 करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले साल यह 221.4 करोड़ रुपये था। इसके अलावा, मार्च 2025 की तिमाही में यह 142.7 करोड़ रुपये था।
कंपनी ने कर्मचारियों के खर्च में भी करीब 300 करोड़ रुपये की कटौती की। इस तिमाही में कर्मचारी लाभ पर 643 करोड़ रुपये खर्च हुए, जो पिछले साल 952.5 करोड़ रुपये थे। हालांकि, सेल्स कर्मचारियों का खर्च 19 फीसदी बढ़कर 266 करोड़ रुपये हो गया, लेकिन नॉन-सेल्स कर्मचारियों का खर्च 28 फीसदी घटकर 346 करोड़ रुपये रहा।
कंपनी ने बताया कि AI के इस्तेमाल से कई काम में सुधार हुआ, जिससे लागत कम हुई। इस दौरान सेल्स कर्मचारियों की औसत संख्या 23 फीसदी बढ़कर 38,945 हो गई।
Paytm की ऑपरेशनल आय इस तिमाही में 28 फीसदी बढ़कर 1,917.5 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले साल 1,501.6 करोड़ रुपये थी। इसमें पेमेंट प्रोसेसिंग मार्जिन की बढ़ोतरी का बड़ा योगदान रहा। कंपनी की पेमेंट सर्विसेज से आय 23 फीसदी बढ़कर 1,110 करोड़ रुपये और नेट पेमेंट रेवेन्यू 38 फीसदी बढ़कर 529 करोड़ रुपये रहा। Paytm का ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू (GMV) 27 फीसदी बढ़कर 5.39 लाख करोड़ रुपये हो गया।
कंपनी ने बताया कि मर्चेंट सब्सक्रिप्शन की संख्या जून 2025 तक 1.3 करोड़ हो गई, जो पिछले साल से 21 लाख ज्यादा है। यह बढ़ोतरी बेहतर डिवाइस और सर्विस नेटवर्क की वजह से हुई। Paytm ने टियर-1 शहरों में अपनी स्थिति मजबूत करने और टियर-2, टियर-3 शहरों में विस्तार के लिए सेल्स नेटवर्क पर निवेश बढ़ाया है। इस तिमाही में मासिक ट्रांजैक्शन करने वाले यूजर्स (MTU) की संख्या 7.4 करोड़ तक पहुंच गई।
फाइनेंशियल सर्विसेज से होने वाली आय 100 फीसदी बढ़कर 561 करोड़ रुपये हो गई। इसमें मर्चेंट लोन के विस्तार, डिफॉल्ट लॉस गारंटी (DLG) पोर्टफोलियो से आय और एसेट क्वालिटी में सुधार का योगदान रहा। इसके अलावा, कर्मचारी स्टॉक ओनरशिप प्लान (ESOP) का खर्च 88 फीसदी घटकर 30 करोड़ रुपये रह गया, जो पिछले साल 247 करोड़ रुपये और मार्च 2025 में 169 करोड़ रुपये था। कंपनी के सीईओ विजय शेखर शर्मा ने मार्च तिमाही में अपने ESOPs सरेंडर किए थे, जिससे लागत में कमी आई।